-गवर्नर ने स्टेट के सभी यूनिवर्सिटीज के वीसी, प्रोवीसी और रजिस्ट्रार के साथ मीटिंग की

-यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज में टीचर्स के अप्वॉइंटमेंट और इंटरमीडिएट की जिम्मेवारी को लेकर हुई चर्चा

-इंटरमीडिएट के फंड के साथ ही दूसरी जिम्मेवारी यूनिवर्सिटी को दी जाएगी, टीचर्स अप्वॉइंटमेंट के टेक्निकल प्रॉब्लम को दूर करने पर विचार

-जेपीएससी चेयरमैन और हायर एजुकेशन के डायरेक्टर के अलावा दूसरे ऑफिशियल्स भी हुए शामिल

JAMSHEDPUR: यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में टीचर्स की कमी जल्दी ही दूर होगी। अप्वॉइंटमेंट में सामने आ रहे तकनीकी समस्याओं को जल्दी ही दूर करने की कोशिश जा रही है। मंडे को रांची में गवर्नर ने स्टेट के सभी यूनिवर्सिटीज के वीसी की मीटिंग बुलाई थी। इसमें जेपीएससी के चेयरमैन डीके श्रीवास्तव और हायर एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ डीएन ओझा भी शामिल हुए। पिछले जेपीएससी चेयरमैन के समय इंडियन कांस्टीट्यूशन के आर्टिकल फ्ख्0 और फ्ख्क् का मुद्दा उठाया गया था। इस वजह से टीचर्स का अप्वॉइंटमेंट रुक गया था। इसके साथ ही इंटरमीडिएट को लेकर भी बात हुई। सहमति बनी कि इंटरमीडिएट का फंड यूनिवर्सिटी के अंडर होगा इसे चलाने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा कमिटी बनाइर्1 जाएगी।

इंटरमीडिएट के लिए बनेगी कमिटी, इंचार्ज बनाया जाएगा

इंटरमीडिएट के मुद्दे पर सभी यूनिवर्सिटी के वीसी ने कहा कि इसे यूनिवर्सिटी से अलग किया जाए। इसके बाद यह डिसीजन लिया गया कि जब तक गवर्नमेंट की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की जाती तबतक इंटरमीडिएट की पूरी जिम्मेवारी यूनिवर्सिटी की ही होगी। इसके लिए अब फंड भी जैक के हाथ से निकलकर यूनिवर्सिटी के पास आ जाएगा। यूनिवर्सिटी इंटरमीडिएट को चलाने के लिए एक कमिटी बनाएगा। इंटरमीडिएट का अलग इंचार्ज भी होगा।

तो ऑर्डिनेंस लाकर एक्ट में होगा बदलाव

यूनिवर्सिटी और कॉलेज में टीचर्स के अप्वॉइंटमेंट को लेकर सामने आए कांस्टीट्यूशन के आर्टिकल फ्ख्0 और फ्ख्क् के मुद्दे का हल निकालने के लिए झारखंड यूनिवर्सिटी एक्ट में बदलाव करना होगा। फिलहाल विधानसभा नहीं चल रही इसलिए इसको लेकर गवर्नमेंट ऑर्डिनेंस ला सकती है। हायर एजुकेशन के डायरेक्टर ने इस मुद्दे पर पूरी जानकारी गवर्नमेंट को देने की बात कही।

दोनों ही मुद्दे केयू द्वारा उठाए गए थे

टीचर्स का अप्वॉइंटमेंट का मामला हो या इंटरमीडिएट को यूनिवर्सिटी से अलग करने का मुद्दा। ये दोनों ही मुद्दे कोल्हान यूनिवर्सिटी द्वारा उठाए गए थे। पिछली बार गवर्नर के साथ मीटिंग में केयू के वीसी ने ये मुद्दे उठाए थे। यूनिवर्सिटी के टीचर्स इंटर के स्टूडेंट्स को पढ़ाने से मना करते आए हैं और कॉलेजों में टीचर्स की काफी कमी है।

इतने टीचर्स की कमी है केयू में

कोल्हान यूनिवर्सिटी में टीचर्स की काफी कमी है। यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट्स और कॉलेजेज में टीचर्स के शैंक्शन्ड पोस्ट की संख्या म्ब्7 है। फिलहाल वर्किंग टीचर्स की संख्या है फ्भ्ख्। यानी केयू में कुल ख्9भ् टीचर्स के पोस्ट वैकेंट हैं। वैकेंट पोस्ट में प्रोफेसर के ख्ख्, एसोसिएट प्रोफेसर के ब्ब् और एसिस्टेंट प्रोफेसर के कुल म्म् पोस्ट्स शामिल हैं। बाकी के क्म्फ् पोस्ट लेक्चरर के हैं। फिलहाल फ्भ्ख् वर्किंग टीचर्स में ख्09 ने ही पीएचडी किया है।

चांसलर के साथ मीटिंग में टीचर्स के अप्वॉइंटमेंट को लेकर जेपीएससी चेयरमैन से बात की गई। यूनिवर्सिटी एक्ट में बदलाव करने के लिए गवर्नमेंट को स्टेप लेना होगा। यह जल्दी ही होने की उम्मीद है। इंटरमीडियट के लिए अलग व्यवस्था होने तक इसकी जिम्मेवारी यूनिवर्सिटी के पास ही रहेगी। इंटरमीडियट का फंड भी यूनिवर्सिटी के अंडर दिए जाने पर सहमति बनी।

- डॉ आरपीपी सिंह, वीसी, केयू