-हॉस्पिटल में एलईडी लाइट लगाने के लिए भेजा गया प्रस्ताव

JAMSHEDPUR : मरीजों की बीमारियां दूर भगाने वाला एमजीएम हॉस्पिटल अब बिजली की समस्या दूर भगाने की पहल भी करने जा रहा है। हॉस्पिटल में हाई पावर कंज्म्प्शन वाले हैलोजन लाइट्स और बल्ब की जगह एलईडी लाइट लगाने की तैयारी चल रही है। ये एलईडी लाइट ना सिर्फ हॉस्पिटल को जगमग करेंगे बल्कि हॉस्पिटल का इलेक्ट्रिसिटी बिल में भी फ्0 लाख तक की बचत करेंगे।

इलेक्ट्रिसिटी बिल से मिलेगी राहत

हॉस्पिटल में सैकड़ों लाइट, ट्यूबलाइट्स और आधा दर्जन हैलोजन लाइट्स लगे हुए हैं। हाई पावर कंज्म्प्शन वाले ये लाइट हॉस्पिटल को रोशन तो करते हैं पर इनसे बिजली का बिल भी भारी-भरकम होता हैं। बिजली बिल के इस बोझ को कम करने के लिए हॉस्पिटल में एनर्जी एफिशिएंट एलईडी लाइट्स लगाने का निर्णय लिया गया है।

घटेगा इलेक्ट्रिसिटी का कंज्म्प्शन

हॉस्पिटल में बिजली पर प्रतिवर्ष करीब डेढ़ करोड़ की राशि खर्च होती है। ऐसे में अगर एलईडी लाइट लगने से करीब ख्0 फीसद कमी आने की संभावना है। यानी करीब फ्0 लाख की बचत होगी। हॉस्पिटल के अधिकारियों की मानें तो यह राशि दूसरे जगह पर खर्च की जा सकेगी। इससे हॉस्पिटल में सुविधा भी बढ़ेगी और मरीजों को फायदा भी पहुंचेगा।

शुरू की गइर् प्रक्रिया

हॉस्पिटल में एलईडी लाइट लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए विद्युत कार्यपालक अभियंता को एक प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। सीनियर ऑफिसर्स का दिशा-निर्देश मिलने के साथ ही काम शुरू कर दिया जाएगा। इसी तरह खासमहल स्थित सदर हॉस्पिटल और डिस्ट्रिक्ट के सभी कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर्स (सीएचसी), प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स और हेल्थ सब सेंटर्स में भी एलईडी लाइटें लगाए जाने की संभावना है।

प्रस्ताव में ये भी हैं शामिल

- विद्युत सब-स्टेशन, जेनरेटर रूम तथा विद्युत स्टोर रूम सह कार्यालय का निर्माण : 8 कमरों का विद्युत सब-स्टेशन, जेनरेटर रूम तथा विद्युत स्टोर रूम सह कार्यालय का निर्माण की जरूरत।

- विद्युत केबल को बदलने की जरूरत: हॉस्पिटल में भवन निर्माण, सड़क निर्माण हेतु जेसीबी द्वारा खुदाई के क्रम में पूरे हॉस्पिटल परिसर में लगे केबुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। संपूर्ण हॉस्पिटल का इलेक्ट्रीकल केबुल बदलने की जरूरत है। ख्फ्0 एमएम केबुल के दो केबुल द्वारा सभी भवनों को जोड़ा जाना है।

- इलेक्ट्रिकल केबल को एक भवन से दूसरे भवन में ले जाने हेतु सीमेंटेट नाली स्लैब के साथ निर्माण। हॉस्पिटल में गढ़े खोद कर उसके ऊपर मिट्टी डालकर बिछे पुराने विद्युत केबुल के मरम्मती में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अत केबुल को सीमेंटेट नाली द्वारा सब स्टेशन से एक भवन से दूसरे भवन में प्लांट वे मे ले जाने के लिए सीमेंटेट नाली स्लैब के साथ निर्माण की जरूरत।

- हॉस्पिटल के सभी भवनों में ट्युबकल स्वीच लगाने का कार्य : हॉस्पिटल के भवनों के भीतर वार्डो में लगे पुराने मेन स्वीच और उससे शॉर्ट-सर्किट के खतरा को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव व मुख्य सचिव ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिया था।

- एलईडी लाइट : पूरे हॉस्पिटल में एलइडी लाइट लगने से करीब फ्0 लाख रुपए बचेंगे।

- इलेक्ट्रिकल फीडर पीलर : हॉस्पिटल में लगे कुछ फीडर पीलर भवन निर्माण के क्रम में एवं शेष फीडर पिलर रिपेयरिंग के अभाव में क्षतिग्रस्त हो गए है।

पूरे हॉस्पिटल में एलईडी लाइट सहित अन्य जरूरी कार्यो का प्रस्ताव तैयार कर विभाग को सौंपा गया है। उम्मीद है कि जल्दी ही सभी काम शुरू हो जाएगा। मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निर्णय लिया जा रहा है।

डॉ। आरवाई चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम हॉस्पिटल