-पैरों में बचपन से ही परेशानी है नहीं मानी हर, सभी मुश्किलों का सामना कर बढ़ी आगे

-शॉर्ट फिल्म 'आई कैन फ्लाई' के जरिए समाज को देंगी मैसेज

-11 अप्रैल को होगा फिल्म का प्रीमियर

abhijit.panday@inext.co.in

JAMSHEDPUR : डिजैबिलिटी को सफलता में आड़े नहीं आने दिया। सपने देखे और उसे पूरा करने की चाहत पैदा की और सफल भी हुई। ग्रेजुएट कॉलेज में बीसीए फाइनल इयर की स्टूडेंट मिनी पांडेय की बस इतनी सी कहानी है। अब वह अपनी शॉर्ट फिल्म 'आई कैन फ्लाई' के जरिए यही मैसेज समाज को भी देने को तैयार है। सामाजिक संस्था युवातर द्वारा डिजैबिलिटी पर बनाई गई इस फिल्म की स्क्रिप्ट मिनी ने लिखी है। फिल्म का प्रीमियर क्क् अप्रैल को बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में होगा।

डिजैबिलिटी को नहीं बनने दी कमजोरी

मुश्किलें मुझ पर पड़ी इतनी की आसां हो गईगालिब के शेर की ये लाइन मिनी पांडेय के जीवन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। टेल्को में अपना मामा के घर रहने वाली मिनी को बचपन से ही पैरों में परेशानी है। इस डिजैबिलिटी की वजह से पैदा होते ही मां-बाप ने नकार दिया, स्कूल-कॉलेजों ने एडमिशन देने मना कर दिया, पर हौसले ने कभी साथ ना छोड़ा। हर मुश्किल का डट कर सामना कर मिनी पांडेय परिवार-समाज के बीच खुद को साि1बत किया।

हर मुश्किल का किया सामना

मूलत: बिहार की रहने वाली मिनी पांडेय ने बताया कि डिजेबल होने की वजह से पैदा होते ही माता-पिता ने उसे जमशेदपुर उसके मामा के यहां पहुंचा दिया। उसने बताया कि डिजैबिलिटी की वजह से स्कूल-कॉलेज में एडमिशन तक में दिक्कतें आईं, लेकिन किसी तरह इन परिस्थितियों का सामना किया। जीवन में कुछ कर गुजरने की इच्छा थी, इसलिए खुद को बेहतर बनाने की हर कोशिश की। बीसीए में हर साल कॉलेज में टॉपर्स लिस्ट में मिनी पांडेय का नाम था। ख्0क्फ् में एनएसएस के बेस्ट वालंटियर का भी अवार्ड मिला। मिनी पांडेय की प्रतिभा को देखते हुए भानुमती नीलकंठन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। मिनी फिलहाल मेधाविनी प्रोजेक्ट की को-ऑर्डिनेटर है।

फिल्म के जरिए समाज को मैसेज

मिनी पांडेय के जीवन की यह कहानी 'आई कैन फ्लाई' में दिखेगी। इस शॉर्ट फिल्म के डायरेक्टर अमित कुमार और प्रोड्यूसर कुमार शर्मा हैं। फिल्म की स्क्रिप्ट मिनी पांडेय ने लिखी है। मिनी ने कहा कि फिल्म की कहानी के लिए अपनी लाइफ से ही इंस्पीरेशन लिया। मिनी अपनी इस सफलता में कॉलेज के टीचर्स और अमित कुमार का बड़ा योगदान मानती है। मिनी ने कहा कि इन्होंने हमेशा उसे सपोर्ट किया और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

डिजैबिलिटी की वजह से काफी मुश्किलें आईं, लेकिन हिम्मत हारे बिना मैं आगे बढ़ती रही। इस फिल्म के जरिए भी हम यही मैसेज देना चाहते हैं।

-मिनी पांडेय

इस बात की खुशी है कि मिनी तमाम परेशानियों को पीछे छोड़ आगे बढ़ रही है। वह हमारे कॉलेज की स्टूडेंट है इससे और ज्यादा खुश हूं। उससे दूसरों को सीखने की जरूरत है।

-डॉ उषा शुक्ला, प्रिंसिपल ग्रेजुएट कॉलेज