JAMSHEDPUR: कोरोना से लंबी लड़ाई, बढ़ते आसमानी पारे और दो दिन से शाम को हो रही बरसात ने सिटी के कोरोना फाइटर्स की परेशानी और बढ़ा दी है। कड़ी धूप और तेज बरसात में खड़े जवान भले उफ तक नहीं कह रहे, लेकिन उनके ठीक से बैठने तक का इंतजाम नहीं है। शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने सिटी का जायजा लिया तो सिस्टम के अंदर की खामियां सामने आ गईं। जहां डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के लिए सुविधा हैं, वहीं पुलिस जवान छाते के नीचे दिन गुजार रहे हैं।

पुलिस को दिए गए निर्देश

कोरोना के संक्त्रमण से बचने के लिए सभी लोग अनिवार्य रूप से मास्क और ग्लव्स पहनें।

अपना चेहरा नाक और कान न कतई न छुएं।

ड्यूटी के दौरान एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी पर रहें।

भोजन और राशन वितरण के दौरान पूरी सावधानी बरतें। थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ धोएं।

ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाकर कपड़े धुल लें और प्रॉपर तरीके से नहाएं।

हर जगह पुलिस की दो टीमों को तैनात करें एक जो कोरोना पेशेंट को एबुलेंस में बैठाकर अस्पताल भेजे और दूसरी टीम जगह-जगह शहर में कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी निभाए।

चाय-पानी को गाड़ी रहता है इंतजार

आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में पुलिस-कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। इस दौरान दिन हो रात मुश्किल दोनों समय बनी रहती है। रात मच्छर मारते बीतती हैं तो दिन में चाय पानी के लिए पुलिस वैन का इंतजार करना पड़ता है। गरमी में सड़क किनारे टेंट नहीं होने के कारण पेड़ की छांव ही सहारा है। पुलिसकर्मी सुबह 10 बजे के बाद धूप तेज होने के साथ ही बेदम हो जा रहा हैं। सुबह ड्यूटी आने वाले कुछ कांस्टेबल के पास छात होता है, लेकिन दोपहर होने के बाद वे भी हलकान हो जा रहे हैं।

बस छाया ही सहारा

साकची आई हॉस्पिटल के पास गोलचकर पर बैरीकेडिंग लगाया गया है। यहां पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य कांस्टेबल की भी ड्यूटी रहती है। यहां पर पुलिसकर्मियों के पास धूप से बचने के लिए छाते के अलावा कोई इंतजाम नहीं था।

नहीं दिखा कोई इंतजाम

जेआरडी टाटा गोलचक्कर मोड़ पर ही बैरीकेडिंग की गई हैं। यहां पर सड़क किनारे पुलिस के लिए कोई इंतजाम नहीं दिखा गरमी का आलम यह था कि कुछ पुलिसकर्मी अपने मुंह को बांध कर काम कर रहे थे। चाय और पानी संबंध में पूछने पर कांस्टेबल ने मुस्कुराते हुए कहा कि अरे कुछ न कुछ तो खाने-पीने को मिल जाता है।

ड्यूटी तो करनी ही पड़ेगी

जमशेदपुर को आदित्यपुर से जोड़नेवाले इस ब्रिज के पास भी बैरीकेडिंग की गई है। यहां कुछ जवानों के पास छाता था और कुछ धूप में ही खड़े होकर गाडि़यों की चेकिंग कर रहे थे। एक होमगार्ड ने हमारे भी बाइक को रोक लिया, हालांकि जब उसकी नजर कैमरे पर पड़ी तो वह समझ गया। जवानों ने कहा कि धूप हो या छांव ड्यूटी तो करनी ही पड़ेगी।

धूप में कर रहे थे चेकिंग

गोलमुरी स्थित आरडी टाटा गोलचक्कर के पास ही बैरीकेडिंग की गई है। वहां कुछ जवान धूप में खड़े हो कर चैकिंग कर रहे थे। एक जवान स्टैंड के पास बने शेड में बैठा हुआ था। जवानों ने बताया कि दिन में जो हालत होती है सो होती है। रात में तो बैठने का जब मन करता है तो गोलचक्कर में मजबूरी के कारण बैठना पड़ता है। शाम के समय बारिश होने पर परेशानी और बड़ जाती है।

मनगो ब्रिज

साकची-मनगो रोड पर बैरीकेडिंग की गई है। वहां 8-9 जवान चैकिंग कर रहे थे, जिनमें से दो से तीन के पास छाता था। एक जवान ने बताया कि पहले तो धूप का समना करना पड़ रहा था, पर दो दिन से शाम के समय पानी से और परेशानी बड़ गई है। जब तेज हवा चलती है, तो यह छाता भी काम नहीं आता है। धूल से पूरा शरीर भर जाता है और पानी आने के बाद और ज्यादा समस्या होती है, लेकिन ड्यूटी तो करनी होगी, क्योंकि ये हमारा काम है।

जितने भी बैरियर, चेक-पोस्ट, नाके बनाए गए हैं। वहां पर टेंट लगाने की तैयारी की जा रही है। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए पुलिस लाइन में खाना पकाया जा रहा है। नजदीकी पुलिस चौकी और थानों से खाने-पीने की व्यवस्था कराई जा रही है। साथ ही कछ समाजसेवी संस्थाओं का भी सहयोग मिल रहा है।

सुभाषचंद्र जाट, सिटी एसपी