जमशेदपुर (ब्यूरो): झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बहरागोड़ा से जमशेदपुर लौटने के क्रम में एनएच-33 पर हादसे के शिकार हुए एक घायल को देख अपने काफिले को रुकवा दिया.मंत्री ने पहले करते हुए घायल युवक को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भिजवाया। इतना ही नहीं स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल अधीक्षक को फोन कर घायल को हर संभव इलाज करने की नसीहत दी.साथ ही ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया.वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने हाईवे पेट्रोलिंग से लेकर सभी संबंधित थानों को अलर्ट कर दिया, ताकि घायल की गाड़ी कहीं भी जाम में न फंसे। हालांकि अस्पताल पहुंचते- पहुंचते काफी देर हो चुकी थी.घायल युवक ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.युवक की पहचान प्रवीर कुमार कर के रूप में हुई है, जो उड़ीसा का रहनेवाला बताया जा रहा है.युवक के पॉकेट में मिले ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर उसके परिजनों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.हालांकि स्वास्थ्य मंत्री के इस पहल की सभी सराहना कर रहे हैं।

भिजवाया था रिम्स

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी बेड़ो में एक सडक़ दुर्घटना में घायल को उन्होंने रांची रिम्स भिजवाया था, जिससे उसकी जान बच गई थी.इससे पहले चांडिल और लोहरदगा में भी गुजरने के क्रम में उन्होंने काफिला रुकवा कर घायलों की मदद की थी।

पेसा कानून को रद्द करने की मांग

झारखंड सरकार द्वारा 2022 के पेसा कानून को लेकर हुए फैसले को सिंहभूम कोल्हान प्रमंडल में रद्द करने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने पूर्वी सिंहभूम विलकिंसन नियम कानून के बैनर तले उपायुक्त कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय आदिवासी समाज के लोगों ने प्रदर्शन के के बाद मंत्री, मुख्यमंत्री और रा'यपाल को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सिंहभूम कोल्हान प्रमंडल में विलकिंसन नियम कानून लागू है। इस क्षेत्र में सरकार द्वारा थोपा गया पेसा कानून लागू नहीं हो सकता। कहा कि इस कानून के जरिए आदिवासियों को आपस में लड़ाने का काम किया जा रहा है। कहा कि झारखंड सरकार के एक मौजा में 7 से अधिक ग्राम सभा है। ऐसे में मान्यता किस ग्राम सभा को मिलेगी, यह भी एक सवाल है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए कोल्हान के विलकिंसन कानून को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने कोल्हान प्रमंडल में पेसा कानून नियम को अविलंब रद्द करने की मांग की।