छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत डीलरों द्वारा लाभुकों को कम खाद्यान्न देने, एक माह का राशन देकर रजिस्टर पर दो-तीन माह का हस्ताक्षर करा लेने और राशन कार्ड अपने पास रख लेने की लगातार मिल रही शिकायतो के मद्देनजर सरकार इसकी निगरानी जांच कराने पर विचार कर रही है। जरूरत पड़ने पर इस अधिनियम के अनुपालन में हो रही गड़बडि़यों की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने हेतु भारत सरकार को भी लिखा जा सकता है। दो फरवरी के बाद इस बारे में फैसला हो सकता है। राज्य के विभिन्न जिलों से मिल रही शिकायतों पर खाद्य मंत्री सरयू राय अत्यंत गम्भीर हैं। उन्होंने बताया कि आज चांडिल में उनसे करीब एक दर्जन लोगो ने मुलाकात की। वे अपने साथ राशन कार्ड भी लाये थे। उन्होने बताया कि डीलर द्वारा मात्र जनवरी माह का राशन देकर नवंबर और दिसंबर माह का भी साइन करा लिया गया है। इसी तरह चाइबासा, चतरा, पलामू और गढवा जिलों से भी बड़ी तादाद में लोगों के फ़ोन मंत्री के मोबाईल पर आये हैं जिनमे कम अनाज देने, दो-तीन माह के बदले एक माह का अनाज देने और कार्ड डीलर द्वारा अपने पास रख लेने की शिकायत की गयी थी।

नहीं दिख रहा असर

मंत्री के अनुसार ऊपरी स्तर पर की जा रही कड़ाई का कोई असर जमीनी स्तर पर खामियों की वजह से दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि नये कार्ड के लिए आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी है। 2 फरवरी को विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जायेगी। इसके बाद अनियमितताओं में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जायेगी जिसमें निगरानी से लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच कराने की सिफारिश भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार की योजना है और खाद्य सुरक्षा अधिनियम एक कानून है और इसके लिए खद्यान्न भारत सरकार देती है। इसलिए इसका अनुपालन कराना सरकार, विभाग और अफसरों की जवाबदेही है।