JAMSHEDPUR: एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मच्छरों का आंतक बढ़ गया है। स्थिति यह हो गई है कि छात्र पढ़ाई क्या करेंगे और प्रोफेसर पढ़ाएंगे क्या? इन्हें पहले मच्छरों से निपटना पड़ रहा है। हर किसी को मलेरिया-डेंगू का भय सता रहा है। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन ने जुस्को व मानगो अक्षेस को पत्र लिखकर फॉगिंग कराने व डीडीटी के छिड़काव का आग्रह किया है। हालांकि पत्र लिखे हुए एक माह बीत गए लेकिन अबतक कोई पहल नहीं हुई।

कैसे करें पढ़ाई ?

एमबीबीएस स्टूडेंट्स का कहना है कि मालक्विटो क्वायल जलाने के बावजूद मच्छर नहीं भागते और पढ़ाई में उन्हें काफी परेशानी होती है। वहीं प्रोफेसरों कहते हैं कि इससे डेंगू व मलेरिया का खतरा बना हुआ है। कॉलेज प्रबंधन के पत्र में कहा गया था कि चिकित्सा महाविद्यालय के अंतर्गत आने वाले मुख्य भवन (जहां कक्षाएं लगती हैं), छात्रावास एवं आवासीय भवनों में मच्छरों का अत्याधिक प्रकोप हो गया है।

मच्छर व चूहा से निपटना चुनौती

मेडिकल कॉलेज में मच्छर व चूहों ने सबको परेशान कर रखा है। इससे निपटना किसी चुनौती से कम नहीं है। कॉलेज प्रबंधन ने इसपर अंकुश लगाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। प्रिंसिपल डॉ। एसी अखौरी ने बताया कि मच्छर, चूहा व दीमक के सफाए के लिए टेंडर निकाला गया है।

इधर, स्वच्छता अभियान का लगा होर्डिग

स्वच्छता अभियान के तहत एमजीएम अस्पताल को चकाचक बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है। शनिवार को एमजीएम अस्पताल परिसर में स्वच्छता अभियान से संबंधित होर्डिग लगाया गया। वहीं मुख्य गेट के समीप पार्क बनाया जा रहा है ताकि लोग गंदगी फैलाने से बचें। सभी विभागों में डस्टबिन लगाने का भी निर्णय हुआ है। एमजीएम अधीक्षक डॉ। अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल को साफ रखने में सबकी सहभागिता जरूरी है।