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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: 'मैं अक्षरधाम मंदिर गई थी। मोबाइल ऑफ था। मेट्रो में थी तो छोटी बहन का कॉल आया। उसने बताया कि सिविल सर्विसेज में मेरा 22वां रैंक है। मैं खुशी से उछल पड़ी और चिल्लाने लगी। आस-पास के लोग मुझे देखने लगे'। आई नेक्स्ट से बात करते हुए नेहा ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज एग्जाम में सक्सेस होने की खुशी शेयर कर रही थीं।

तीसरे अटैंप्ट में मिली सफलता

नेहा ने बताया कि 2012 में उनका पहला अटैंप्ट था और उसमें वे इंटरव्यू तक पहुंची थीं। फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ। 2013 में भी 2012 की ही तरह इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद भी नेहा को सफलता नहीं मिली। लेकिन हिम्मत का लगन का साथ बना रहा। इस बार नेहा को 22वां रैंक मिला है। नेहा को न सिर्फ आईएएस बनेंगी, बल्कि उन्हें होम स्टेट मिलने की भी पूरी संभावना है।

पटना में स्कूलिंग और बिट्स पिलानी से बीटेक किया

नेहा ने पटना के सेंट माइकल स्कूल से पढ़ाई की। उसके बाद बिट्स पिलानी से 2011 में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। 2012 से वे दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी में लगी थीं। नेहा के पिता दिलीप कुमार सिंह झारखंड सरकार के पीएचईडी में सिविल इंजीनियर हैं। मां का नाम गीता सिंह है। नेहा की फैमिली मानगो स्थित एक अपार्टमेंट में रहती है।

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'धौनी ऐज ए लीडर' पर इंटरव्यू में पूछे थे सवाल

नेहा ने आई नेक्स्ट से बात करते हुए इंटरव्यू का अपना एक्सपीरिएंस शेयर किया। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू बोर्ड के एक मेंबर ने उनसे धौनी की लीडरशिप क्वालिटी पर भी सवाल पूछे थे। इसके अलावा गर्ल चाइल्ड रेशियो में गिरावट, गर्ल चाइल्ड के सामने आने वाली प्रॉब्लम, ब्यूरोक्रेट्स की विशेषता, भारत को आजाद कराने में गांधीजी का योगदान, फोटोग्राफी और डॉक्यूमेंट्री पर भी सवाल पूछे गए थे। तीन बहनों और भाई में नेहा तीसरे नंबर पर हैं। उनसे छोटी एक बहन है। तीनों ही भाई-बहन पहले से जॉब में हैं।