-एमजीएम हॉस्पिटल के सर्जरी वार्ड में पिछले तीन दिन से पड़ी है कमलेश मिश्रा की बॉडी

-मुर्दे के बगल में जमीन पर हो रहा है एक वृद्धा का इलाज

-दी गई है पुलिस को जानकारी, लेकिन अब तक पुलिस भी नहीं पहुंची

JAMSHEDPUR : कोल्हान प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की कारस्तानी भी कुछ अजीबोगरीब है। यहां मुर्दे बेड पर सुलाए जा रहे हैं और जिंदा पेशेंट्स का इलाज फर्श पर हो रहा है। सुनने में आपको भले ही अटपटा लगे, लेकिन हकीकत यही है। पिछले तीन दिन से मृत कमलेश मिश्रा की बॉडी बेड पर रखी गई है, जबकि एक लावारिस वृद्ध महिला का इलाज ठीक मुर्दे के बेड के बगल में जमीन पर चल रहा है। वृद्ध महिला को स्लाइन भी दिया जा रहा है। स्टैंड भी है, लेकिन स्लाइन की बोतल जमीन पर पड़ी है।

ख्7 अगस्त को भर्ती हुआ था पेसेंट

कमलेश मिश्रा ख्7 अगस्त को जुगसलाई इलाके में घायल अवस्था में पाए गए थे। जर्मा टीम ने उन्हें एमजीएम हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। इमरजेंसी वार्ड में प्राइमरी ट्रीटमेंट के बाद घायल कमलेश मिश्रा को सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। क्फ् सितंबर की शाम पांच बजे कमलेश मिश्रा की मृत्यु हो गई। इसके बाद से ही शव सर्जरी डिपार्टमेंट के एक बेड पर पड़ा हुआ है। एमजीएम मैनेजमेंट का कहना है कि मृत व्यक्ति का कोई अटेंडेंट नहीं है, लिहाजा उसका शव 7ख् घंटे के बाद ही उठाया जाएगा। पुलिस को इन्फॉर्म कर दिया गया है, लेकिन अभी तक पुलिस नहीं पहुंची है।

बेड फुल, फर्श पर चल रहा है इलाज

एमजीएम के सर्जरी वार्ड में क्ख्0 बेड हैं, लेकिन कर्मचारियों के लिए ऑफिस, सेमिनार हॉल सहित अन्य जरूरी कामकाज के लिए कुछ वार्ड को दफ्तर के रूप में तब्दील कर दिया गया है। बेड में कटौती के बाद सर्जरी वार्ड के पास 70 बेड उपलब्ध हैं। फिलहाल सर्जरी वार्ड में 89 मरीज भर्ती हैं। दर्जन भर से अधिक मरीजों का इलाज बरामदे में फर्श पर चल रहा है।

बढ़ा इंफेक्शन का खतरा

तीन दिन से सर्जरी वार्ड में मुर्दा पड़े रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। शव की बदबू से मरीजों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। एमजीएम हॉस्पिटल के सर्जरी वार्ड में आधा दर्जन से अधिक मरीज लावारिस हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। लावारिस होने की वजह से उनका देखरेख प्रॉपर ढंग से नहीं हो रहा है।

कुछ की सुधि लेना भूल गए परिजन

हॉस्पिटल में कई पेशेंट्स ऐसे हैं जिन्हें एडमिट करा कर परिजन सुधि लेना भूल गए हैं। ऐसा ही एक पेशेंट है सरायकेला जिले के डुमनी गांव निवासी बर्न पेशेंट बोय सोय। वह एमजीएम हॉस्पिटल में कई महीनों से भर्ती हैं। कुछ दिन पहले उनके परिजनों को सूचना मिली की बोय सोय की मृत्यु हो गई है, परिजन जनाजे की पूरी तैयारी के साथ हॉस्पिटल आए। लेकिन जब उन्हें पता चला कि बोय सोय जिंदा है तो बिना देर किए हॉस्पिटल से भाग गए।

गंदगी और बदबू से मरीज बेहाल

एमजीएम के सर्जरी वार्ड में गंदगी और बदबू का आलम है। इससे मरीज और स्टाफ बेहाल हैं। अब तो उन्हें संक्रमण का खतरा सता रहा है।