-बेड के अलावा नहीं है और कोई व्यवस्था

JAMSHEDPUR: स्वाइन फ्लू ने झारखंड में भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को जमशेदपुर में स्वाइन फ्लू की वजह से दो लोगों की मौत हो गई, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट के कानों पर शायद अभी भी जूं नहीं रेंगी है। स्वाइन फ्लू से बचाव और मरीजों के इलाज के लिए शहर में की गई व्यवस्था हेल्थ डिपार्टमेंट के तैयारियों पर सवाल खड़े करती है। स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड तक की सही व्यवस्था नहीं है। एमजीएम हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है, लेकिन इसमें सुविधाओं के नाम पर सिर्फ बेड है। स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारी के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में जरूरी इक्विपमेंट्स और अन्य सुविधाएं तो दूर साफ-सफाई तक की व्यवस्था नहीं है।

एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां ऐसी कोई सुविधा नहीं है जो इसे हॉस्पिटल के अन्य वा‌र्ड्स से अलग करे। सुविधाओं के नाम पर यहां सिर्फ चार बेड हैं। हॉस्पिटल के अन्य वार्ड में कम से कम सफाई का ध्यान रखा जाता है, लेकिन इस खास वार्ड में इसकी भी जरूरत नहीं समझी गई है। आइसोलेशन वार्ड के फर्श पर धूल की परत जमी है। स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की तैयारी और गंभीरता का पता इस आइसोलेशन वार्ड को देखकर चलता है।

नहीं है कोई व्यवस्था

स्वाइन फ्लू का वायरस अन्य लोगों में न फैले इसलिए मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है। इस वार्ड में मरीजों के इलाज के लिए वेंटिलेटर और अन्य लाइफ सेविंग इक्वीपमेंट्स का होना भी जरूरी है। साथ ही वार्ड में सेपरेट ट्वायलेट की भी व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं इन मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ के लिए भी मास्क, ग्लब्स जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स जरूरी हैं, लेकिन एमजीएम हॉस्पिटल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में सेपरेट ट्वायलेट तक मौजूद नहीं है।

हो रही महज खानापूर्ति

स्वाइन फ्लू को देखते हुए स्टेट सर्विलांस ऑफिसर द्वारा बुधवार को जमशेदपुर में मीटिंग की गई थी। इसमें ईस्ट सिंहभूम, चाईबासा और सरायकेला के सिविल सर्जन सहित जिले के सभी आला अधिकारी शामिल थे। इस दौरान स्वाइन फ्लू से निपटने की रणनीति बनाई गई और जरूरी गाइडलाइन दिए गए। स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ रमेश प्रसाद ने कहा कि आइसोलेशन वार्ड के संबंध में जरूरी गाइडलाइन दे दिए गए हैं। लेकिन, इन गाइडलाइन्स पर कितना अमल किया जा रहा है इसकी परवाह डिपार्टमेंट को नहीं है। डॉ रमेश प्रसाद ने कहा कि उनकी तरफ से गाइडलाइन दे दिया गया है अब इसका पालन करना हॉस्पिटल मैनेजमेंट का काम है।

स्वाइन फ्लू को देखते हुए गाइडलाइन जारी किए गए हैं। आइसोलेशन वार्ड के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिया गया है। इन गाइडलाइन्स का पालन करना हॉस्पिटल की जिम्मेदारी है।

-डॉ रमेश प्रसाद, स्टेट सर्विलांस ऑफिसर

उठते हैं कई सवाल

-राज्य में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा सात संदिग्ध मामले जमशेदपुर में आए हैं। स्वाइन फ्लू की वजह से दो लोगों की जान भी जा चुकी है। ऐसे में इस बीमारी पर कंट्रोल के लिए क्या विशेष रणनीति बनाई गई है?

-स्वाइन फ्लू के लिए तैयार किया गया आइसोलेशन वार्ड स्टैंडर्ड है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग कौन करेगा?

- एमजीएम हॉस्पिटल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में कई कमियों के सवाल पर सर्विलांस डिपार्टमेंट द्वारा सारी जिम्मेदारी हॉस्पिटल पर डाल पल्ला झाड़ लेना कितना सही है?