जमशेदपुर (ब्यूरो): सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई प्रखंड में एक ऐसा पंचायत है, जहां के लोग 21वीं सदी में भी देश-दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग हैं। ग्रामीणों को किसी से बात करनी होती है तो वे मार्केट जाने के लिए फिक्स दिन को ही मार्केट पहुंचकर बात करते हैं। इस बीच अगर उन्हें किसी से बात करनी हो तो पास स्थित पहाड़ पर चढऩा होता है, ताकि वे नेटवर्क के संपर्क में आ सकें। पहाड़ पर चढक़र ही वे किसी से बात करते हैं।

10 पंचायत प्रभावित

कुचाई प्रखंड में 10 पंचायत अरवान, बांदोलोहार, बुरुहातु, छोटासेगोई, गोमियाडीह, मारंगहातु, पोंदाकाटा, रोलाहातु, रुगुडीह और तिलोपाड़ा में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है। इनमें गोमियाडीह पंचायत के लोगों की परेशानी ज्यादा है। कुचाई प्रखंड के गोमियाडीह पंचायत में 10 गांव गोमियाडीह, हतनाबेड़ा, ईचाडीह, कांडेरागो, कोरवाडीह, मेरमंगजा, सेलाइडीह, वाडू और जेनालोंगबासिडीह हैं। इनमें से ज्यादातर गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है।

गांव पहुंचते ही नेटवर्क गायब

अगर आप किसी कारण पंचायत के गांवों में जाते हैं तो गांव पहुंचते ही आपके मोबाइल का नेटवर्क गायब हो जाएगा। इसके बाद आपका संपर्क सभी से कट जाएगा। आप चाहते हुए भी किसी से संपर्क नहीं कर पाएंगे और न ही कोई आपके संपर्क कर सकेगा।

सिर्फ गाना सुनने का काम

यहां के ग्रामीणों के पास मोबाइल तो है, लेकिन वे गांव में एक खिलौने की तरह है। लोग या तो गेम खेलने या भी गाना सुनने के लिए ही मोबाइल का उपयोग करते हैं। अगर वे गांव से बाहर निकलते हैं तभी उनका मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र के संपर्क में आ पाता है।

कटा रहा हमारा संपर्क

जब हम इस गांव पहुंचे तो हमें यह साफ महसूस हुआ। कई घंटों तक हमारा संपर्क कटा रहा। वापसी में हमने देखा कि एक युवक जिलिंग मोड़ पहाड़ पर मोबाइल से बात कर रहा है। हमने उससे पूछा तो उसने बताया कि किसी से बात करनी हो तो उन्हें पहाड़ तक आना ही पड़ता है।

हमारे गांव में कोई भी मोबाइल नेटवर्क नहीं है। इस कारण मोबाइल से किसी से भी बात नहीं हो पाती। पहाड़ पर चढऩे के बाद ही नेटवर्क मिलता है।

राम मुंडा, स्थानीय निवासी

गांव में मोबाइल पूरी तरह बेकार साबित होता है। यहां कोई नेटवर्क ही नहीं है।

सोनेया मुंडा, स्थानीय निवासी

किसी से बात करनी हो तो हमें पहाड़ पर चढऩा होता है। वहां बैठकर जिससे बात करनी होती है, करते हैं। इसके बाद वहां से वापस आते हैं। यह काफी मुश्किल भरा है।

विशाल हांसदा, स्थानीय निवासी