-सिटी के हॉस्पिटल्स में फुल हुए बेड

-एमजीएम हॉस्पिटल के आईसीयू से लेकर इमरजेंसी, मेडिसिन, सर्जरी सहित दूसरे वार्ड पेशेंट्स से भरे पड़े हैं

JAMSHEDPUR : सिटी में बरसाती बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में डायरिया, मलेरिया, वायरल के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, जापानी इंसेफ्लाइटिस के भी अब तक कई मामले आ चुके हैं। हालत अब ऐसी हो गई है कि एमजीएम सहित सिटी के कई हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम्स में पेशेंट्स के लिए बेड की कमी हो गई है।

बढ़ रही पेशेंट्स की संख्या

सिटी में बरसाती बीमारियों के पेशेंट्स की संख्या बढ़ रही है। हर रोज इतने मामले आ रहे हैं कि पेशेंट्स को अब हॉस्पिटल्स में बेड मिलना मुश्किल हो गया है। एमजीएम हॉस्पिटल के आईसीयू से लेकर इमरजेंसी, मेडिसिन, सर्जरी सहित दूसरे वार्ड पेशेंट्स से भरे पड़े हैं। बेड की कमी को देखते हुए मेडिसिन वार्ड के बाहर बरामदे में एक्स्ट्रा बेड लगाकर पेशेंट्स का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। मंगलवार को एडमिट करने के लेकर पेशेंट्स ने हंगामा भी किया। प्राइवेट नर्सिग होम्स और हॉस्पिटल्स में भी पेशेंट्स से भरे पड़े हैं। टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भी पेशेंट्स की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि पेशेंट्स की संख्या बढ़ने की वजह से परेशानी हो रही है पर किसी तरह हॉस्पिटल द्वारा पेशेंट्स को बेड अवेलेवल कराया जा रहा है।

डायरिया और मलेरिया के मामले बढ़े

हॉस्पिटल्स में डायरिया, मलेरिया, वायरल फीवर, जापानी इंसेफ्लाइटिस सहित दूसरी बरसाती बीमारियों के पेशेंट पहुंच रहे हैं। इन दिनों डायरिया और मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं। एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में मौजूद फ्भ् बेड्स में से फ्0 बेड पर डायरिया और मलेरिया के पेशेंट एडमिट हैं, वहीं मेडिसिन वार्ड में कुछ ऐसी ही स्थिति है। मर्सी हॉस्पिटल के चाइल्ड वार्ड में डायरिया और मलेरिया के कई पेशेंट्स एडमिट हैं।

कैसी है तैयारी

बरसाती बीमारियों से निपटने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से विशेष अभियान चलाए जाने की बात कही जा रही है। इसके बावजूद पेशेंट्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। डिफरेंट हॉस्पिटल्स के आंकड़ों के देखे तो हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा चिह्नित डायरिया जोन से ही ज्यादा पेशेंट पहुंच रहे हैं। वहीं, दूसरी सुविधाओं में भी काफी कमी नजर आ रही है। एमजीएम हॉस्पिटल में डायरिया की दवा और इंजेक्शन तक अवेलेवल नहीं है।

पिछले कुछ दिनों में पेशेंट्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसकी वजह से बेड की कमी हो रही है। मेडिसिन वार्ड के बरामदे में अलग से बेड लगाकर फिलहाल स्थिति को कंट्रोल मे करने की कोशिश की जा रही है।

-डॉ आरवाई चौधरी, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम हॉस्पिटल