जमशेदपुर(ब्यूरो)। भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने वोकल फॉर लोकल विजन को बढ़ावा देने, स्थानीय-स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना शुरू की गई है। योजना के तहत, रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद आउटलेट्स को स्वदेशी/स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और उच्च दृश्यता देने के लिए आवंटित किया जाता है। योजना का पायलट प्रोजेक्ट 25 मार्च 2022 को शुरू किया गया था और 1 मई 2023 तक देश भर के 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर 728 स्टेशनों को 785 वन स्टेशन वन प्रोडक्ट आउटलेट्स के साथ कवर किया गया है। झारखंड राज्य में 24 स्टेशनों पर च्एक स्टेशन एक उत्पादच् के 25 आउटलेट शुरू किए गए हैं। एकरूपता के लिए इन स्टालों को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के माध्यम से डिजाइन किया गया है। मार्च 2022 से 1 मई 2023 तक इसके प्रत्यक्ष लाभार्थियों का संख्या 25,109 है।

क्या खास हैं उत्पाद

वन स्टेशन वन प्रोडक्ट संबंधित स्थान के लिए विशिष्ट हैं और इसमें स्वदेशी जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, विश्व प्रसिद्ध लकड़ी की नक्काशी, आदिवासी आभूषण, मसाले वाली चाय, कॉफी और अन्य प्रसंस्कृत/अद्र्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ/उत्पाद और क्षेत्र में स्वदेशी रूप से उगाए गए उत्पाद शामिल हैं।

वन स्टेशन वन प्रोडक्ट आउटलेट्स

रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या (वन स्टेशन वन प्रोडक्ट के साथ): 24

रेलवे स्टेशन: टाटानगर, आदित्यपुर, बरकाकाना, बासुकीनाथ, भागा, बोकारो स्टील सिटी, चक्रधरपुर, डालटनगंज, देवघर, धनबाद (2), दुमका, गोविंदपुर रोड, हटिया, जसीडीह, कोडरमा, लातेहार, मुरी, एनएससी बोस जंक्शन गोमो, पाकुड़, पारसनाथ, रांची, साहिबगंज, सिल्ली और तोरी।

प्रमुख उत्पाद: जूट बैग, अचार, शहद, हस्तशिल्प, अद्र्ध प्रसंस्कृत भोजन, मसाला चाय, आयुर्वेदिक चिकित्सा, प्राकृतिक और हर्बल उत्पाद, स्थानीय मिठाइयां, जनजातीय आभूषण, मिट्टी के बर्तन, मिट्टी के बर्तन, खादी उत्पाद और सूती वस्त्र।