जमशेदपुर (ब्यूरो): सरायकेला-खरसावां पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे बड़े पैमाने पर अफीम की खेती हो रही है। यह अवैध खेती राजनगर इलाके में हो रही है। राजनगर में पहली बार 15 एकड़ से अधिक भूमि पर अफीम की खेती की जा रही है। अबतक नक्सल प्रभावित कुचाई क्षेत्र में अफीम की खेती होती थी, मगर अब अफीम माफियाओं ने राजनगर को नया ठिकाना बनाया है। यहां के किसानों ने अपनी आय को दुगुना करने का जो रास्ता चुना है। आपको बता दें कि ये जो इलाका है यह राजनगर प्रखंड के डूमरडीहा पंचायत अंतर्गत चापड़ा गांव से सटे खरकाई नदी के तट का है। यहां बड़े पैमाने पे अफीम की खेती हो रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि इसकी भनक न तो पुलिस के पास है ना ही प्रशासन को।
कोई बोलने को तैयार नहीं
इतने बड़े पैमाने पर किसने अफीम की खेती की, इस पर कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। लोग भी इस विषय पर बात करने के लिए तैयार नहीं हैैं। अब सवाल यह है कि आखिर अफीम की खेती किसने की है। अमूमन अफीम की खेती की खबर कुचाई व खरसावां के जंगलों में सुनने देखने को मिलती है। पहली बार राजनगर में इतने बड़े क्षेत्र में अफीम की खेती ने सबके होश उड़ा दिए। माफिया अब राजनगर जैसे शांत इलाके को भी नशे के गिरफ्त में लेना चाहते हैं। सूत्रों से पता चला है कि इसमें कोई बाहरी अफीम माफिया शामिल हैं, जो भोले भाले ग्रामीणों को बहला फुसला कर अपना अफीम का धंधा चला रहा है। हालांकि इतने वृहत क्षेत्र में अफीम के फसल लहलहा रहे हैं, इसके बाबजूद भी पुलिस बेखबर है।