झारखंड के पहले पंचवटी वन का घोड़ाबांधा थीम पार्क में शुभारंभ

-यहां लगाए गए पौधों का धार्मिक के साथ-साथ है औषधीय महत्व

छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : झारखंड का पहला पंचवटी वन का जमशेदपुर स्थित घोड़ाबांधा थीम पार्क में शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। पंचवटी वन का शुभारंभ डीएफओ जमशेदपुर शबा आलम अंसारी द्वारा अशोक का पौधा लगाकर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंचवटी वन में लगाए जाने वाले पौधे के बीच यदि बैठ जाते हैं तो मन को शांति मिलती है, यही नहीं कुछ समय के लिए बैठने पर मनुष्य कई रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। पंचवटी वन को धार्मिक रूप से भी जोड़कर देखा जा सकता है। इस वन में वैसे पेड़-पौधे लगाए गए हैं जिस पेड़ का लोग पूजा-पाठ करते रहे हैं और हमारे जीवन में उसका महत्वपूर्ण योगदान है। इस अवसर पर एसीएफ सुशील उरांव, एके गुप्ता, रेंजर देवाशीष प्रसाद के अलावा काफी संख्या में वन विभाग के लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर अशोक, बड़, पीपल, आंवला, बेल आदि के पौधे लगाए गए।

पंचवटी वन से क्या होगा फायदा

1- किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में पूजा-पाठ में पेड़-पौधों का बड़ा ही महत्व है। जैसे सावन महीना में बेलपत्र का, पूजा-पाठ में केला-आम, तुलसी आदि का पत्ता का बड़ा ही महत्व है। इसी तरह पंचवटी वन में एक ही स्थान पर पूजा-पाठ से संबंधित सारे पेड़-पौधे उपलब्ध रहेंगे।

2- लोगों को विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों के औषधीय गुण के साथ ही उसके महत्ता की जानकारी भी दी जाएगी। इससे लोगों का पेड़ के प्रति लगाव बढ़ेगा।

3- पीपल, बड़, अंजीर ऐसे पौधे हैं जो बड़े और विशाल होते हैं, ऑक्सीजन पैदा करने की क्षमता अन्य पेड़ों से अधिक होती है।

4-इन पेड़ों पर पक्षियों का बसेरा होता है। इस तरह लुप्त हो रहे पक्षियों को एक बार फिर से निवास स्थान मिल जाएगा, गुम हो रहे चिडि़यों की चहचहाहट से रूबरू हो सकेंगे।

वर्जन

जिस प्रकार लोग पेड़ को नष्ट कर रहे हैं, इससे पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से पूरा विश्व परेशान है और इसके निदान के उपाय कर रहे हैं। ग्लोबल वार्मिग से यदि निजात पाना है तो लोगों को पेड़-पौधों के प्रति लगाव बढ़ाना होगा। लोगों का पेड़-पौधों के प्रति लगाव बढ़ाने के लिए ही वन विभाग पंचवटी वन विकसित करने जा रही है।

- शबा आलम अंसारी, डीएफओ, जमशेदपुर वन प्रमंडल