-ऑर्डिनरी हेलमेट की सेलिंग में हुआ इजाफा, अपनी सेफ्टी से खेल रहे लोग

-हेलमेट की क्वालिटी की नहीं है परवाह

-फाइन से बचने और पेट्रोल लेने के लिए खरीदे जा रहे हेलमेट

JAMSHEDPUR : इन्हें बाइक के फ्यूल टैंक के खाली होने की चिंता है, पुलिस द्वारा लिए जाने वाले फाइन का डर है। लोगों को अपनी सेफ्टी की चिंता नहीं। इनकी नजर में ये गैरजरूरी चीज है, जिसे कुछ दिनों बाद घर के एक कोने में पड़े रहना है, तभी तो चंद रुपए बचाने के चक्कर में क्वालिटी और रूल्स से समझौता हो रहा है। बात हो रही है हेलमेट की। रोड सेफ्टी वीक के दौरान पुलिस द्वारा बरती जा रही सख्ती को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग हेलमेट खरीदने दुकानों में पहुंच रहे हैं। इनमें से बहुत कम ही लोग ऐसे हैं, जो अपनी सेफ्टी के मकसद से अच्छी क्वालिटी के आईएसआई मार्क वाले हेलमेट खरीद रहे हैं। मैक्सिमम लोगों को तो बस फाइन से बचने के लिए सस्ता हेलमेट चाहिए।

पेट्रोल की है चिंता

भाई साहब एक हेलमेट देना, कौन सी दूं आईएसआई मार्क वाली या बगैर आईएसआई मार्क वाली, अरे कोई भी दे दो सस्ती वाली पेट्रोल लेना है। हेलमेट की किसी भी दुकान में थोड़ी देर खड़े हो जाएं, आपके कानों तक भी कस्टमर और दुकानदार के बीच की यह बातचीत पहुंच जाएगी। रोड सेफ्टी वीक के दौरान शहर में ट्रैफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक रूल्स को लेकर सख्ती बरती जा रही है। पेट्रोल पंप्स को बाइक चलाने वाले के पास हेलमेट ना होने पर पेट्रोल ना देने का निर्देश दिया गया है। जगह-जगह हेलमेट चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। इस सख्ती का मकसद लोगो में ट्रैफिक रूल्स और अपनी सेफ्टी के प्रति लोगों के बीच अवेयरनेस फैलाना भी है, लेकिन ज्यादातर लोग अवेयर होने के बावजूद इस सख्ती से बच निकलने के रास्ते ढूंढने में लगे हैं। बगैर हेलमेट पेट्रोल नहीं मिलने की चिंता की वजह से बड़ी संख्या में लोग हेलमेट तो खरीद रहे हैं, पर इनमें से कम ही लोग हैं जिन्हें हेलमेट की क्वालिटी की कोई ि1फक्र है।

आईएसआई मार्क पीछे

अपनी सेफ्टी की लोगों को कितनी चिंता है, इसका अंदाजा सिटी में हेलमेट बिक्री को देखकर लगाया जा सकता है। पिछले कुछ दिनों में हेलमेट की सेलिंग बढ़ी है। अगर आईसीआई मार्क और बगैर आईएसआई मार्क वाले हेलमेट के डिमांड की तुलना करें, तो काफी अंतर नजर आता है। सड़क पर स्टॉल लगाकर हेलमेट बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि पहले एक दिन में 15 से 20 हेलमेट्स की बिक्री होती थी, लेकिन पिछले दो तीन दिनों में ये सेलिंग करीब तीन गुणा बढ़कर 50 तक पहुंच गई है। वहीं साकची में आईएसआई मार्क वाले ब्रांडेड हेलमेट बेचने वाले सपन नाग ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में आईएसआई मार्क वाले हेलमेट्स की बिक्री तो बढ़ी है पर डिमांड यह बढ़ोत्तरी करीब 50 परसेंट ही है।

सेफ्टी से समझौता

जितने पैसों में एक मूवी की टिकट आती है उतने ही पैसे बचाने के लिए लोग अपनी सेफ्टी से समझौता कर रहे हैं। शहर की दुकानों पर बगैर आईएसआई मार्क वाले हेलमेट 250 से 350 रुपए तक में मिल रहे हैं वहीं आईएसआई मार्क वाले हेलमेट भी 500 रुपए तक में उपलब्ध हैं। नामी ब्रांड्स के फुल हेलमेट्स भी 700 रुपए से लेकर 2000 रुपए और हाफ हेलमेट 450 रुपए से लेकर 950 रुपए तक में मिल रहे हैं। ऐसे में अगर थोड़े से ज्यादा पैसे खर्च किए जाएं, तो अच्छी क्वालिटी के हेलमेट लिए जा सकते हैं पर लोगों को इसकी परवाह नहीं। उन्हें हेलमेट अपनी सेफ्टी के लिए नहीं, बल्कि फाइन से बचने और पेट्रोल लेने के ि1लए चाहिए।

जरूरी है बीएसआई स्टैंड‌र्ड्स को पूरा करना

मोटर व्हीकल एक्ट-क्988 के सेक्शन क्ख्9 के अनुसार मोटर साइकिल चलाने के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैं‌र्ड्ड के मानकों को पूरा करने वाला हेलमेट पहनना जरूरी है। सेक्शन क्ख्9 ए में कहा गया है की हेलमेट का आकार, मैटेरियल और बनावट ऐसी होनी चाहिए कि एक्सीडेंट की सूरत में वो बाइक चला रहे व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर सके।