-शहर के 36 पेट्रोल पंप बंद रहे

-2.5 करोड़ रुपए का नहीं हुआ टर्न ओवर

-सरकार को 50 लाख रुपए राजस्व की हुई क्षति

JAMSHEDPUR: शहर के तमाम पेट्रोल पंप गुरुवार की सुबह छह से शाम छह बजे तक बंद रहे। पेट्रोल पंप संचालकों ने सेल्स टैक्स बढ़ाए जाने के विरोध में हड़ताल का ऐलान किया था। गुरुवार की सुबह में एक भी पेट्रोल पंप नहीं खुला। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के बैनर तले हड़ताल का ऐलान किया गया था। सूबे के सभी क्क्ख्0 पेट्रोल पंपों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह और महासचिव शरत दुदानी ने यह घोषणा सोमवार धनबाद में की थी। इसके बाद से राज्य के सभी पेट्रोल पंप संचालकों ने एक दिनी हड़ताल का समर्थन ि1कया था।

क्भ्0 रुपए लीटर बिका पेट्रोल

दिन के क्0 बजते-बजते बाइकों की टंकियां सूखने लगी थी। शहर में कई जगहों पर पेट्रोल के अस्थायी दुकानदारों की चांदी रही। कुछ टी स्टॉलों पर भी पेट्रोल बिकते देखा गया। पेट्रोल पंपों बंद रहने के कारण शहर में क्ख्0 से लेकर क्भ्0 रुपए तक पेट्रोल बिका। मंहगे दाम में भी पेट्रोल लेने वालों की भीड़ लगी रही।

जहां मिलती थी चाय, गुरुवार को बिका पेट्रोल

जहां पहले कभी रोज सुबह-सुबह लोग चाय की चुस्की लेते थे, वहां गुरुवार को पेट्रोल पंप की दुकान सजी थी। गैलनों में भर-भर कर पेट्रोल रखे गए थे। एक दुकानदार ने बताया कि पेट्रोल पंप की हड़ताल को देखते हुए भ्00 लीटर पेट्रोल और डीजल का बंदोबस्त किया था। दोपहर क्ख् बजे तक पेट्रोल और डीजल बिक चुके थे। छोटे छोटे बोतलों में कीप के सहारे पेट्रोल भरा जा रहा था। इसके टंकियों में पेट्रोल भरा गया। यह नजारा शहर के एमजीएम हॉस्पीटल के पास, सिदगोड़ा, बारीडीह, भालूबासा, आदित्यपुर, बिष्टुपुर, कदमा, मानगो, डिमना सहित अन्य जगहों पर देखने को मिला।

ख्ख् फीसदी किया गया है सेल्स टैक्स

झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के जिला सचिव राजीव सिंह बताया कि रघुवर सरकार ने अप्रैल महीने में डीजल पर बिक्री कर क्8 फीसद से बढ़ाकर ख्ख् फीसद कर दिया। इसके अलावा एक फीसद सेस लगाया और सेस पर ख्ख् फीसद कर। कुल मिलाकर करीब ख्ब् फीसद कर लगा दिया। इस कारण झारखंड में डीजल पड़ोसी राज्यों से महंगा हो गया। नतीजा हुआ कि बाहर से आने वाली गाडि़यां बंगाल एवं बिहार में डीजल भरवा रही है। इसका सबसे बुरा असर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित पेट्रोल पंपों पर पड़ा है। करीब चार सौ से अधिक पंपों की बिक्री एकदम गिर गई है। बिक्री कर अधिक होने के कारण सरकार को तो राजस्व का नुकसान नहीं हो रहा है लेकिन आर्थिक बोझ जनता पर पड़ रहा है। तेलों की बिक्री घटने से पेट्रोल पंपों के मालिकों को नुकसान हो रहा है। पड़ोसी राज्यों जहां पश्चिम बंगाल में डीजल पर प्रति लीटर 8 रुपये 70 पैसा, बिहार में 8 रुपये ब्0 पैसे, यूपी में 8 रुपये ख्0 पैसे बिक्री कर लगता है वहीं झारखंड में सबसे अधिक क्0 रुपये 7ब् पैसे बिक्री कर लगता है। सरकार की इस नीति के कारण कितने पेट्रोल पंप प्रभावित हो रहे हैं, इसका सर्वे सरकार खुद कराकर देख ले। हड़ताल की वजह से शहर के फ्म् पेट्रोल पंप बंद रहे। लगभग ख्.भ् रुपए का टर्न ओवर नहीं हुआ। इससे सरकार को लगभग भ्0 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

एसोसिएशन की प्रमुख मांगें

-डीजल-पेट्रोल पर बिक्री कर वृद्धि वापस लेने

-सरकारी क्रय का भुगतान साप्ताहिक हो।

-ल्यूब्रिकेंट पर प्रथम प्वाइंट कर लगे।

-पेट्रोल पंपों को सुरक्षा दे सरकार।

कल पेट्रोल लेना भूल गया था। आज जब निकला तो बाइक का फ्यूल टैंक जवाब देने लगा। लिहाजा क्ख्0 रुपए लीटर के हिसाब से पेट्रोल खरीदा।

अशोक गोस्वामी

क्या करें, पेट्रोल नहीं है तो लेना ही पड़ेगा। चाहे जिस रेट में मिले। यह कम बड़ी बात है कि पंपों के बंद होने के बाद भी तेल मिल रहा है।

रॉनी

मुझे पता ही नहीं था कि आज पेट्रोल नहीं मिलेगा। सुबह-सुबह जब पेट्रोल पंप गया तो वहां मालूम चला। वहीं पर किसी ने बताया कि एमजीएम के पास पेट्रोल मिल रहा है।

गौरव

सेल्स टैक्स में बढ़ोतरी के कारण शहर के फ्म् पेट्रोल पंप नहीं खुले। इससे सरकार को लगभग भ्0 लाख रुपए का नुकसान हुआ। शहर के पेट्रोल पंपों में ख्.भ् करोड़ रुपए का टर्न ओवर नहीं हुआ। ़

-राजीव सिंह, सचिव, झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन