-बढ़े हुए सेल्स टैक्स वापस ले सरकार नहीं लाइसेंस वापस करेंगे पंप मालिक

-अशोक सिंह बोले, सरकार एसोसोसिएश से वार्ता करने को तैयार नहीं

JAMSHEDPUR: पेट्रोल एवं डीजल में बिक्री कर बढ़ोतरी वापस लेने समेत अन्य मांगों को लेकर झारखंड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने नौ जुलाई को सूबे के सभी क्क्ख्0 पेट्रोल पंपों को बंद रखने की घोषणा की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह एवं महासचिव शरत दुदानी ने यह घोषणा सोमवार को यहां होटल कुबेर में आयोजित पत्रकार वार्ता में की। अशोक सिंह एवं शरत दुदानी ने बताया कि नौ जुलाई को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक सभी पंप बंद रहेंगे। अशोक सिंह ने बताया कि सरकार ने यदि उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं की तो नौ जुलाई को ही एसोसिएशन की जेनरल मीटिंग बुलाई जाएगी और कठोर निर्णय लिया जाएगा। कठोर निर्णय को स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी पेट्रोल पंप मालिक अपनी लाइसेंस सरकार को सौंप देंगे। टैक्स बढ़ोतरी के कारण सूबे के कम से कम चार सौ पेट्रोल पंपों के बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। इससे हजारों लोगों का रोजगार समाप्त हो जाएगा।

डीजल पर बिक्री कर चार परसेंट बढ़ा

उन्होंने बताया कि रघुवर सरकार ने अप्रैल में डीजल पर बिक्री कर क्8 फीसद से बढ़ाकर ख्ख् फीसद कर दिया। इसके अलावा एक फीसद सेस लगाया और सेस पर ख्ख् फीसद कर। कुल मिलाकर करीब ख्ब् फीसद कर लगा दिया। इस कारण झार ांड में डीजल पड़ोसी राज्यों से महंगा हो गया। नतीजा हुआ कि बाहर से आने वाली गाडि़यां बंगाल एवं बिहार में डीजल भरवा रही है.ह्य इसका सबसे बुरा असर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवस्थित पेट्रोल पंपों पर पड़ा है। करीब चार सौ से अधिक पंपों की बिक्री एकदम गिर गई है। बिक्री कर अधिक होने के कारण सरकार को तो राजस्व का नुकसान नहीं हो रहा है लेकिन आर्थिक बोझ पड़ रहा है जनता को। साथ ही बिक्री घटने से पेट्रोल पंपों के मालिकों को नुकसान हो रहा है। पड़ोसी राज्यों जहां पश्चिम बंगाल में डीजल पर प्रति लीटर 8 रुपये 70 पैसा, बिहार में 8 रुपये ब्0 पैसे, यूपी में 8 रुपये ख्0 पैसे बिक्री कर लगता है वहीं झारखंड में सबसे अधिक क्0 रुपये 7ब् पैसे बिक्री कर लगता है। सरकार की इस नीति के कारण कितने पेट्रोल पंप प्रभावित हो रहे हैं, इसका सर्वे सरकार खुद कराकर देख ले।

आउटसोर्सिग कंपनियों को मात्र 87 पैसा बिक्री कर

अशोक सिंह ने बताया कि पेट्रोल पंप मालिकों को जहां क्0 रुपये 7ब् पैसे बिक्री कर लगता है वहीं बाहर से आयात कर डीजल मंगा रही बीसीसीएल, सीसीएल एवं इसीएल में काम कर रही आउटसोर्सिग कंपनियों को मात्र 87 पैसे बिक्री कर देना पड़ रहा है। राज्य सरकार को इन कंपनियों के कारण प्रति माह करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है। आश्चर्य की बात है कि सरकार सब कुछ जानते हुए भी चुपचाप है। इस मौके पर कोल्फील्ड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष माधव लाल सिंह, महासचिव संजीव राणा, अशोक दुदानी समेत दर्जनों पेट्रोल पंपों के मालिक मौजूद थे।

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एसोसिएशन की प्रमुख मांगें

-डीजल-पेट्रोल पर बिक्री कर वृद्धि वापस लेने

-सरकारी क्रय का भुगतान साप्ताहिक हो

-ल्यूब्रिकेंट पर प्रथम प्वाइंट कर लगे

-पेट्रोल पंपों को सुरक्षा दे सरकार