साइन किया प्रोजेक्ट ही सŽिमट करना होगा
स्टूडेंट्स का कहना था कि अपने साथ प्रोजेक्ट तैयार कर लाने वाले स्टूडेंट्स को टीचर्स ने कह दिया था कि उन्हें वही प्रोजेक्ट फाइल सŽिमट करना होगा, जिसमें एक टीचर का इनिशियल होगा। हालांकि यह पता नहीं चल पाया कि वह इनीशियल किसका था। स्टूडेंट्स को मजबूर होकर टीचर द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट फाइल को ही सŽिमट करना पड़ा।

हम तो उनकी हेल्प कर रहे थे
वर्कर्स कॉलेज में फिजिक्स डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ राजीव कुमार ने स्टूडेंट्स से पैसे लिए जाने के मामले में कहा कि वे स्टूडेंट्स की हेल्प कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साइंस के कुल स्टूडेंट्स में सिर्फ 20-25 परसेंट स्टूडेंट्स का ही अटेंडेंस ठीक था, बाकी के न तो क्लास में आते थे और न ही प्रैक्टिकल के समय। उन्होंने बताया कि क्लास नहीं आने वाले स्टूडेंट्स को टीचर्स द्वारा प्रोजेक्ट फाइल प्रोवाइड कराया जा रहा था, ताकि उनके रिजल्ट पर इसका असर न पड़े। प्रोजेक्ट के लिए पांच माक्र्स होते हैं और इससे रिजल्ट पर असर पड़ सकता है।

पैसे देने से कुछ स्टूडेंट्स ने मना किया तो कहा गया कि फेल कर दिया जाएगा। ऐसे में हमारे पास पैसे देकर प्रोजेक्ट फाइल लेने के अलावा दूसरा ऑप्शन नहीं था।
- कैलाश नाथ, स्टूडेंट, इंटर साइंस

हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। काफी ऐसे स्टूडेंट्स हैं जिनका अटेंडेंस शॉर्ट है। उन्हें कॉलेज में ही प्रोजेक्ट अवेलबल कराया गया, ताकि उनका रिजल्ट खराब न हो।
- डॉ राजीव कुमार, एचओडी, डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, वर्कर्स कॉलेज

पैसे लिया जाना गलत है। अगर स्टूडेंट्स की हेल्प ही करनी है तो बिना पैसों के की जाती। जहां तक फेल करने की धमकी की बात है तो मैं खुद प्रैक्टिकल का माक्र्स देखूंगा। सही बात का पता कर उस पर एक्शन लूंगा।
- डॉ डीपी शुक्ला, प्रिंसिपल, वर्कर्स कॉलेज

Report by: jamshedpur@inext.co.in

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