Preventive नहीं detection mode में काम करती है police
सिटी में ऑर्गेनाइज्ड मैनर में काम करने वाले अपराधियों के बार-बार सक्रिय होने के बावजूद पुलिस कभी प्रिवेंटिव मोड में काम करने पर बल नहीं देती है। क्राइम सॉल्व करने का इनका तरीका डिटेक्शन पर बेस्ड होता है। यह बात सिटी में घटी हाल की दो बड़ी घटनाओं से बिल्कुल साफ हो जाती है। उदाहरण के तौर पर ट्रांसपोर्ट कर्मी पप्पू यादव की हत्या के मामले के बाद यदि पुलिस सिटी में पेट्रोलिंग और व्हीकल चेकिंग ड्राइव के सिस्टम में और भी तेजी लाती तो शायद बर्मामाइंस में हुई विनोद अग्रवाल की हत्या की वारदात को रोका जा सकता था। हालांकि पुलिस सलाउद्दीन गैंग को अरेस्ट कर पप्पू यादव की हत्या के मामले को सॉल्व करने में कामयाब रही लेकिन तरीका वही डिटेक्शन वाला था।

Organised gangs फिर उठाने लगे हैं सर
सिटी में 2009-10 में हुए सीरियल क्राइम की हुई ताबड-तोड़ घटनाओं के बाद यह पहला मौका था जब शहर में दो बड़ी वारदातों को अंजाम देने में क्रिमिनल्स कामयाब रहे। इन दोनों इंसिडेेंट्स से यह साफ पता चलता है कि सिटी में एक बा फिर से ऑर्गेनाइज्ड मैनर में काम करने वाले क्रिमिनल्स अपना पैर पसारने की कोशिश में जुट गए हैं। इतना ही नहीं यह बात पप्पू यादव की हत्या में शामिल सलाउद्दीन की अरेस्टिंग से भी साबित होती है क्योंकि वह गैंग के माध्यम से ऑर्गेनाइज्ड मैनर में घटनाओं को अंजाम देनेवाला अपराधी है।

ध्यान देने की है जरुरत
जानकारों की मानें तो इन दिनों क्रिमिनल्स साउंड लेश वीपेन द्वारा घटना को अंजाम देने लगे हैं। वजह है कि इस तरह के वीपेन के इस्तेमाल से खासकर रात में उनके घटना स्थल पर पकड़े जाने की प्रोबेबिलिटी काफी कम हो जाती है। उदाहरण के तौर पर  विनोद अग्र्रवाल की हत्या में भी साउंड लेश या साइलेंट वीपेन जैसे चाकू व अस्तूरा का यूज किया गया था। बात न बनने पर उन्हें गोली भी मारी गई थी।

MP डॉ अजय कुमार भी पहुंचे SSP ऑफिस
एमपी डॉ अजय कुमार ने भी सिटी के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर वेडनसडे को एसएसपी रिचर्ड लकड़ा से मुलाकात की। उन्होंने एमपी फंड से भी इसमें हेल्प करने की बात कही। डॉ अजय कुमार ने बिजनेसमैन विनोद अग्र्रवाल हत्याकांड का भी जल्द से जल्द खुलासा करने की मांग की। इसके अलावा विभिन्न चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही रेग्यूलर चेकिंग अभियान चलाते रहने को कहा।

'पुलिस हर पहलू पर ध्यान दे रही है। पहले चाकू से वार हुआ या गोली मारी गई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ होगा। हालांकि हमें जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पहले गोली मारी गई और विरोध करने पर चाकू से हमला किया गया.'
-रिचर्ड लकड़ा, एसएसपी, जमशेदपुर

Report by: goutam.ojha@inext.co.in