-शहर में सब्जी की कीमतें सातवें आसमान पर

-पटमदा से आने वाली सब्जियों की कीमत शहर आते-आते 4 गुनी हो जाती हैं

-आम लोगों की महीने की कमाई का 15-20 परसेंट सब्जियों पर खर्च हो जाता है

JAMSHEDPUR: याद कीजिए पिछली बार आपकी थाली में बीन्स की सब्जी कब दिखी थी। घर से निकलते वक्त सब्जियों की लिस्ट में शिमला मिर्च के नाम पर पत्नी से बहस तो नहीं होती। सलाद में टमाटर की मात्रा कम तो नहीं होती जा रही है? मिडिल क्लास फैमिली के लिए ये एक कड़वी सच्चाई है। सब्जियों की बढ़ती कीमत ने आम लोगों के घर का बजट बिगाड़ दिया है। लेकिन सच्चाई यह भी है कि आपको फ्0 रुपए किलो मिलने वाली भिंडी शहर से कुछ ही किमी की दूरी पर महज भ्-म् रुपए केजी के भाव मिल रही है, लेकिन बिचौलियों ने आपकी सब्जी महंगी कर दी है और परेशानी बढ़ा दी है। लगभग ब्0 किमी दूर पटमदा से शहर आते-आते सब्जियों की कीमत चार गुना तक बढ़ जा रही है।

ग्रीन वेजिटेबल्स का धंधा सबसे गंदा

आप सब्जी मार्के ट जाते हैं और फ्0 रु पए के जी भिंडी, ब्0 रुपए क रेला या फि र फ्0 रुपए केजी गोभी खरीद लाते हैं। आपक ो यह जानक र आश्चर्य होगा कि फ ार्मर भ् से म् रु पए के जी में कि सी बिचौलिए क ो भिंडी, क रेला या फि र गोभी बेचते हैं, जो आपक ो चार गुनी क मत पर मिलती है। सिटी में सेल होने वाले लगभग 90 परसेंट ग्रीन वेजिटेबल्स पटमदा से लाए जाते हैं। पटमदा न सिर्फ सिटी, बल्कि पूरे स्टेट में ग्रीन वेजिटेबल्स के बड़े माकेर् ट में से एक है। पटमदा से टाटा ब्07 गाड़ी से सब्जियों के पैके ट मंगवाए जाते हैं। पटमदा से चलने वाली गाड़ी सिर्फ डेढ़ घंटे में सिटी पहुंच जाती है। प्रत्येक क्विंटल पर ट्रांस्पोर्टेशन क ा खर्च ख्भ् रु पए लगता है। यानी प्रत्येक के जी ग्रीन वेजिटेबल पर ख्भ् पैसे। यानी म् रु पए के जी क ग्रीन वेजिटेबल्स सिटी के बिचौलिये तक आने के बाद म्.ख्भ् रु पए क ा हो जाता है। लेकि न, बिचौलिये और रिटेलर्स क तिगुनी मार्जिन क वजह से उसक क मत फ्0 रु पए पर के जी हो जाता है।

हमारी तो मजबूरी है, क्या करें

मानगो के सब्जी रिटेलर रवींद्र क ा क हना है कि वे खुद पटमदा जाक र अगर ग्रीन वेजिटेबल्स ले आएं तो क स्टमर्स क ो आधे रेट पर सब्जियां मिल जाएंगी, लेकि न वे ऐसा नहीं क र सक ते। वे क हते हैं कि ऐसी जगहों पर बिचौलियों की बहुत पक ड़ होती है। फ ॉर्मर्स डर के मारे उन बिचौलियों के अलावा दूसरे के यहां सब्जी नहीं सेल कर सक ते। यही वजह है कि सिटी क ा क ोई भी सब्जी रिटेलर सीधे वहां से सब्जी नहीं ला सक ता। हॉलसेलर म् रुपए पर केजी की सब्जी रिटेलर्स के यहां क्भ्-ख्0 रुपए केजी बेचते हैं। उसके बाद रिटेलर का प्रॉफिट भी उसमें जुड़कर वह फ्0 रुपए हो जाता है।

टोटल इनकम का क्भ्-ख्0 परसेंट

वेजिटेबल्स की बढ़ती क मत क ा असर सीधे तौर पर आम लोगों के पॉके ट पर पड़ रहा है। मिडिल क्लास फैमिली के महीने के इनकम का करीब क्भ्-ख्0 परसेंट सब्जियों पर खर्च हो जाता है। साक ची के सब्जी मार्के ट में बहुत सोच समझक र सब्जी खरीदने वाले मानगो की रहने वाली प्रतिभा कहती हैं कि पांच लोगों की फै मिली में सिंगल वर्कि ंग पर्सन और उसमें भी सिर्फ सब्जी में सैलरी का क्भ्-ख्0 परसेंट खर्च होना बहुत ही परेशानी वाली बात है। साकची की रूपम भी कुछ ऐसा ही कहती हैं।

सब्जियों की कीमत का खेल

क ौन सी सब्जी क हां से आती है और वहां इसकी कीमत कितनी है और सिटी के क स्टमर्स क ो कि स रेट पर मिलती है, आइए जानते हैं

सब्जी क हां से बेस रेट रिटेलर्स क ा रेट

आलू बंगाल म् रु पए क्ख् रु पए

प्याज नासिक क्7 रु पए फ्0 रु पए

भिंडी पटमदा भ्-म् रु पए फ्0 रु पए

पटल बंगाल, बिहार 8-क्0 रु पए फ्0 रुपए

नेनुआ पटमदा भ्-म् रु पए ख्ब् रु पए

लौकी पटमदा भ् रु पए ख्0 रु पए

लोबिया पटमदा 7-8 रु पए फ्0 रु पए

टमाटर पटमदा 8-क्0 रु पए ब्0 रु पए

बैगन पटमदा 8-क्0 रु पए ब्0 रु पए

बीन्स पटमदा ब्0 रु पए क्म्0 रु पए

शिमला मिर्च पटमदा ख्0 रु पए 80 रु पए

क रेला पटमदा 8-क्0 रु पए ब्0 रु पए

खीरा पटमदा म्-7 रु पए फ्0 रु पए

पत्ता गोभी म्-7 रुपए फ्0 रुपए