-जीण भवानी का सिंधारा और झूलनोत्सव का आयोजन

-गोलमुरी स्थित शिव मंदिर में हुआ प्रोग्राम का आयोजन

द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल प्रेम भाव से झूला झुलवा धेवर फेणी भोग लगावां, सावन की रुत है आई, मेरे ह्रदय बिराजे महामायी, झूला झूले भवानी, फूलों से सजा के तुझको जीण मैया मीठे-मीठे भजन सुनाउंजैसे भजनों पर पांच घंटे तक श्रद्धालु झूमते और नाचते-गाते रहे। मौका था मां जीण भवानी के सिंधारा व झूलनोत्सव का।

देर रात तक चला भजनों का सिलसिला

गोलमुरी स्थित शिव मंदिर में आयोजित प्रोग्राम में स्थानीय कलाकार महाबीर अग्रवाल व मदन अग्रवाल ने जीण शक्ति मंगल पाठ व भजनों की अमृत वर्षा की। इस दौरान झूले पर मां जीण भवानी का दरबार सजाया गया। मंगलवार की शाम चार बजे से रात 10 बजे तक चले प्रोग्राम के बाद आरती और प्रसाद वितरण हुआ। प्रोग्राम के आयोजन में बजरंग लाल अग्रवाल, महाबीर मूनका, शंभू खन्ना, सुनील, विनोद खन्ना सहित अन्य प्रेजेंट थे।

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बाढ़ के खतरे से मिली राहत

सिटी में बने बाढ़ के खितरे से फिलहाल लोगों को थोड़ी राहत मिल गई है। सोमवार की रात से बारिश थमने की वजह से नदियों का जलस्तर घट रहा है। हालांकि, मंगलवार की शाम चार बजे तक खरकई का जलस्तर खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर था। स्वर्णरेखा का जलस्तर शाम तक खतरे के निशान से नीचे आ गया था। ईस्ट सिंहभूम के एडीसी गणेश कुमार ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक खरकई में पानी खतरे के निशान 129 मीटर से बढ़कर 132 मीटर तक पहुंच गया था, जबकि शाम चार बजे यह 131.92 मीटर था। वहीं, स्वर्णरेखा नदी में शाम चार बजे तक पानी घटकर 121.42 मीटर हो गया। अगर अगले 12 घंटे तक जोरदार बारिश नहीं, हुई तो बाढ़ का खतरा फिलहाल टल सकता है। एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक सोमवार की रात बागबेड़ा के निचले इलाकों में पानी भरा था, लेकिन उससे जान-माल की आंशिक क्षति ही हुई। केवल तीन परिवारों को विस्थापित होना पड़ा। बाढ़ को लेकर डिजाजस्टर मैनेजमेंट सेल पूरी तरह अलर्ट है।