जमशेदपुर (ब्यूरो): बिष्टुपुर तुलसी भवन में चल रहे भागवत कथा के छठे दिन गुरुवार को कथावाचक सीताराम शास्त्री ने व्यास पीठ से रास लीला, उद्धव गोपी संवाद एवं रुक्मणी चरित्र प्रसंग का व्याख्यान किया। उन्होंने कहा कि जिसका हृदय सुंदर है, वही वास्तव में सुंदर है। जीव और ब्रह्म की एकता का नाम ही रास है। इस रासलीला को शारीरिक मिलन की धरातल पर नहीं रखा जा सकता। यह जीव का ब्रह्म के साथ दिव्य मिलन का महोत्सव है। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों ने हृदय की सुंदरता को महत्व दिया है। शारीरिक सुंदरता हो और मन में कपट भाव हो, तो उसे भगवान ने असुंदर ही माना है। शास्त्री जी ने आगे कहा कि कपट छोडकर भगवान से जुड़ाव आराधना की श्रेष्ठ अवस्था है। जिसके हृदय में कपट है, उसके लिए परमात्मा के पट बंद हैं।

कंस जरासंध प्रसंग

कंस जरासंध प्रसंग की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में हमारा समूचा जीवन पानेे और बचाने में व्यतीत हो रहा है। जो नहीं है, उसे पाना है और जो है इसे बचाना है। ये दोनों भवनाएं जब ज्यादा बढ़ती हैं तो मानव अपना जीवन लक्ष्य को भूल जाता है। मनुष्य जीवन उस परम की उपलब्धि के लिए मिला है। सांदीपनी के आश्रम में श्री कृष्णा के अध्यापन के प्रसंग में उन्होंने कहा कि शिक्षा गुरू सेवा से ही फलीभूत होती है। कहा कि आज शिक्षा का स्तर तो बढ़ रहा है, पर संस्कारों की हीनता हो रही है। आज ऐसी स्थिति आ रही है, कि छात्र अपने गुरू के सामने ही सिगरेट, शराब आदि नशा का सेवन करते हुए दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि भौतिकता की चकाचौंध में स्वतंत्रता के नाम पर हमलोग स्वच्छंद बनते जा रहे हैं।

स्वधाम गमन प्रसंग आज

सातवें दिन शास्त्री जी शुक्रवार की सुबह सुदामा चरित्र, श्री कृष्ण स्वधाम गमन का प्रसंग सुनायेंगे। कथा प्रसंग के बाद हवन एवं पूर्णाहुति के साथ कथा का विश्राम होगा। कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालु देर साम तक जमे रहे। एकादशी के दिन कथा वाचक सीताराम शास्त्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरा बथवाल एवं राष्ट्रीय सचिव रूपा अग्रवाल ने गौ दान किया। स्वास्थ्य सेवा के तहत लगभग 200 से अधिक लोगों ने नि:शुल्क शुगर और ब्लड टेस्ट करवाकर जांच शिविर का लाभ उठाया।

दो कन्याओं की शादी

झारखंड प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मेलन और मारवाड़ी महिला मंच जमशेदपुर द्वारा आयोजित भागवत कथा में गुरुवार की शाम को रुकमणी विवाह कथा प्रसंग के दिन चक्रधरपुर की दो कन्याओं की शादी करायी गयी। लक्ष्मी संग गोपाल लागुरी और सोदरा संग मिसरो गोप की शादी हुई। दोनों जोड़ी को कथावाचक सीताराम शास्त्री ने आशीर्वाद एवं उपहार स्वरूप आवश्यक सामग्री तथा नगद सहयोग राशि प्रदान किया।

सात यजमानों ने की पूजा

गुरुवार की सुबह सात यजमान अरुा बांकरेवाल, निरंजन मूनका, सरोज भालोटिया, रानी अग्रवाल, ललिता सरायवाला, नारायणी मित्तल, सरोज चेतानी ने संयुक्त रूप से पूजा करायी। गुरुवार को रुकमणी विवाह और एकदशी के शुभ अवसर पर कथा के दौरान तुलसी भवन में आयोजित सभी कार्यक्रमों में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष रांची से नीरा बथवाल, राष्ट्रीय सचिव रूपा अग्रवाल, धनबाद के गोविंदपुर से प्रांतीय पूर्व अध्यक्ष रेणु दुदानी, समाजसेवी प्रभाकर अग्रवाल, चाईबासा, जादूगोड़ा और धनबाद शाखा की महिलाएं भी शामिल हुईं।