-एमजीएम में लगा रेडियो फ्रिक्वेंसी बायोमैट्रिक्स

-रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन से लगेगी डॉक्टर्स की लेटलतीफी पर लगाम

JAMSHEDPUR: डॉक्टर्स को अब ड्यूटी में लेटलतीफी महंगी पड़ेगी। सरकार के साथ-साथ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) भी सख्त हो गई है। पहले डॉक्टर्स को समय पर पहुंचने के लिए बायोमैट्रिक्स सिस्टम का सहारा लिया गया, लेकिन कुछ डॉक्टर्स ने इसका भी विकल्प ढूंढ़ निकाला। दरअसल, हाजिरी बनाने के बाद कुछ डॉक्टर्स की ड्यूटी के समय निजी प्रैक्टिस या फिर दूसरे अस्पतालों में जाकर काम करने की आदत सी हो गई है। इसकी शिकायत लगातार एमसीआई व विभाग को मिलती रही है, लेकिन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने इस बीमारी का स्थाई इलाज ढूंढ निकाला है। रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेटिफिकेशन सिस्टम (आरएफआईडी) लगाने कहा है।

चल रही है तैयारी

एमसीआई ने महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमजीएम) को निर्देश जारी कर आरएफआईडी शुरू करने की सलाह दी है, ताकि सेंसर के जरिए सभी डॉक्टर्स की पल-पल की निगरानी हो सकें। उनकी दिनभर की कार्यशैली पर भी एमसीआई की नजर होगी। इसके लिए नई तकनीक रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेटिफिकेशन सिस्टम (आरएफआईडी) कॉलेज में शुरू करने की तैयारी चल रहा है। प्रथम चरण में सभी डॉक्टर्स की डाटा बेस तैयार कर एमसीआई को भेजा जा चुका है। वहीं बायोमैट्रिक्स सिस्टम को भी नई तकनीक रेडियो फ्रिक्वेंसी से जोड़ा जा रहा है।

जल्दी शुरू होगी यह व्यवस्था

आगामी शैक्षणिक सत्र से यह व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। सभी डॉक्टर्स का आरएफआईडी कार्ड बनाया जाएगा। कॉलेज आते-जाते समय यह कार्ड स्वाइप करना होगा। साथ ही बायोमीट्रिक मशीन में अंगुली से हाजिरी लगानी होगी। इसके साथ ही टीचर का फोटो, फिंगर प्रिंट और अन्य ब्यौरा भी एमसीआई के पास पहुंच जाएगा। हाजिरी लगाने के बाद बाहर जाने की कोशिश की तो सेंसर इस पर निगरानी रखेगा।

क्या है आरआईएफडी सिस्टम?

इस सिस्टम के तहत एक चिप में फैकल्टी मेंबर्स के फोटो, फिंगर प्रिंट, आधार कार्ड सहित अन्य आवश्यक डिटेल्स रहेंगे। वहीं कॉलेज में सेंसर लगाए जाएंगे जो इन चिप्स को ट्रैंक करेंगे। इन सेंसर्स के जरिए हर फैकल्टी मेंबर की ट्रैकिंग हो पाएगी। कॉलेज में इसके लिए लगाए गए विशेष कम्प्यूटर इस डाटा को रिसीव कर एमसीआई के सेंट्रल सर्वर में भेजेंगे।

इसलिए पड़ी जरूरत

- अभी तक निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है। कई मेडिकल कॉलेजों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम नहीं है।

- डॉक्टरों के देर से आने और जल्दी जाने की शिकायतें कई बार मिल चुकी हैं।

- मेडिकल कॉलेजों आने का समय सुबह 8.फ्0 बजे है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर क्0 बजे तक आते हैं। ओपीडी टाइम क्.फ्0 बजे की जगह पहले ही चले जाते हैं।

- खुद कार्ड स्वाइप करने की जगह किसी और कार्ड देकर हाजिरी लगाई जाती है।

अब बायोमैट्रिक्स सिस्टम के साथ-साथ आरएफआईडी सिस्टम शुरू करने की तैयारी चल रही है। हाजिरी बनाने के बाद अगर कोई समय से पहले ड्यूटी आवर में बाहर निकलता है तो सेंसर पकड़ लेगा। इसकी निगरानी सीधे एमसीआई करेगी। प्रथम चरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। जल्दी ही कॉलेज में आरआईएफडी सिस्टम शुरू करने की तैयारी है।

- डॉ एएन मिश्रा, प्रिंसिपल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज