जमशेदपुर (ब्यूरो): पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा राजस्थान दिवस पर आयोजित आपणो राजस्थान कार्यक्रम में राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखी। गुरुवार की शाम साकची स्थित श्री अग्रसेन भवन के सामने धालभूम क्लब मैदान में राजस्थान स्थापना दिवस समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के दौरान राजस्थान से आए लोक कलाकारों ने राजस्थानी पोशाक में गीत एवं नृत्य की प्रस्तुति देकर राजस्थान की संस्कृति को धालभूम क्लब मैदान में उतारा।

दिया संदेश

इस दौरान कलाकारों ने गणेश वंदना से सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पधारो म्हारे देश (पधारोसा) का संदेश दिया। उन्होंने म्हारो श्याम बसे खाटू माही, ऊंचो घाल्यो पालणो यो, थानै काजलियो बनाल्यु, हो म्हारी घुमर छ नखराली., घडलो घडे पर टोकली, आंगणिये मे उडे रे गुलाल, ईशर जी तो पेंचो बांधे, केसरिया बालम पधारो, धरती धोरा री, घूमर, पीली लुगड़ी बालम जैसे गीत प्रस्तुत किये। &मोरिया आछयो बोल्यो रे& गीत पर मोरपंख से सजे नर्तक एवं नीली राजस्थानी पोशाक में नर्तकी ने प्रस्तुति से दर्शकों को खूब रिझाया। राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखाते नृत्य की प्रस्तुति खास रही। रंगारंग कार्यक्रम का संचालन कोलकाता से आयी कलाकार ईशा शर्मा ने किया। सभी कलाकारों को दुपटटा देकर सम्मानित किया गया।

इन्हें मिला सम्मान

इससे पहले अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। मौके पर बतौर मुख्य अतिथि अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोवर्धनदास गाड़ोदिया, विशिष्ट अतिथि जिला उपायुक्त विजया जाधव तथा सम्मानित अतिथि के रूप में एसएसपी प्रभात कुमार, झारखंड प्रांतीय मरवाड़़ी सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष बसंत मित्तल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल काबरा, ओमप्रकाश अग्रवाल और राजकुमार केडिया उपस्थित थे। सभी अतिथियों को साफा पहनाकर तथा मोंमेटो देकर सम्मानित किया गया।

दुनियाभर में अलग पहचान

मुख्य अतिथि गोवर्धनदास गाड़ोदिया ने कहा कि गौरवशाली इतिहास को खुद में समेटे राजस्थान की अपनी विविधता के लिए दुनियाभर में अलग पहचान है। मारवाड़ी समाज को यह पहचान बनाए रखना है। अन्य अतिथियों ने वीरों की भूमि राजस्थान के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस तरह का कार्यक्रम एक ऐसा मौका होता है जब हम सभी साथ मिलकर अपने गांव की जमीन से जुडऩे का अहसास कर पाते हैं। हमें लगता है हम राजस्थान से दूर नहीं हैं। अपनी संस्कृति संस्कार, रीति रिवाजों और परपंराओं को बचाये रखने के लिए इस तरह का आयोजन बहुत जरूरी है। पूरा परिवार और समाज में मेल मिलाप के साथ यदि उत्सव मनाया जाए तो उसकी खुशी दुगनी हो जाती है।

विरासतों को बचाने पर जोर

आपणो राजस्थान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मारवाड़ी सम्मेलन के जिलाध्यक्ष मुकेश मित्तल ने अपनी धरोहर तथा विरासतों को बचाने पर जोर दिया। उन्होंने विशेषकर झारखंड राज्य में रहने वाले राजस्थान के सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा कि संस्कृति, अतिथि सत्कार, पराक्रम, उद्यम और पर्यटन स्थल राजस्थान की पहचान है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला महासचिव सीए विवेक चौधरी ने राजस्थान की संस्कृति संस्कार, रीति रिवाजों परपंराओं को निभाने की अपील की। अंत में कोषाध्यक्ष मोहित शाह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इन्हें मिला प्राइज

कार्यक्रम में शामिल तीन बच्चे, तीन महिलाएं, तीन पुरुष और तीन युगल जोड़ी कुल 12 लोगों को सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी ड्रेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही मानगो निवासी दीपक अग्रवाल के पुत्र हरि अग्रवाल को भी सम्मानित किया गया। छात्र हरि ने राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर चित्रकारी कर वीडियो बनाया है, जिसे सभी ने बहुत पसंद किया। अतिथियों द्वारा सभी को 10 ग्राम का चांदी का सिक्का दिया गया।

ये रहा मुख्य आकर्षण

आपणो राजस्थान कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण कठपुतली नाच, मेहंदी, बच्चों के लिए झूला, लाख की चूड़ी, मिट्टी के बर्तन, ऊंट की सवारी, चोखी ढाणी, राजस्थानी व्यंजन, चूर्ण, तोता पंडित, शूटिंग, सेल्फी कार्नर, बच्चों के लिए बासुरी, टॉफी कैंडी, कॉटन कैंडी, झालमुरी, चटपटी,आइस क्रीम पुचका, कचोरी चाट, बाबा चाट, मगोडी, पापड, आचार, खजला के काउंटर, राजस्थानी स्टोर इत्यादि रहा।

इनका रहा योगदान

कार्यक्रम को सफल बनाने में ओम प्रकाश रिंगसिया, उमेश शाह, अशोक मोदी, अरुण बाकरेवाल, अशोक खंडेलवाल, बजरंग लाल अग्रवाल, सांवरमल अग्रवाल, राजेश पसारी, बबलू अग्रवाल, आशीष खन्ना, पंकज छावछरिया, भोलानाथ चौधरी, विजय खेमका, मुकेश आगीवाल, लाला जोशी, विकाश सिंघानिया, सीताराम देबुका, अंकुश जवानपुरिया, बिमल अग्रवाल, महाबीर अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, संजय शर्मा, दीपक चेतानी, प्रदीप गुप्ता, गौरव जवानपुरिया, अमन नरेड़ी, दीपक पटवारी, निशा सिंघल, मनीषा संघी, कविता अग्रवाल, उषा चौधरी समेत जिला की पूरी टीम का योगदान रहा।