छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : झारखंडवासियों को एक अगस्त से बढ़ी हुई कीमत पर जमीन खरीदनी होगी। राज्य सरकार ने जमीन की वर्तमान कीमत में औसतन 10 से 25 फीसद तक की वृद्धि की है। बढ़ी हुई कीमत समान रूप से शहरी और ग्रामीण इलाकों की भूमि पर प्रभावी होगी। इसके साथ ही इसी दिन से जमीन और फ्लैट के निबंधन शुल्क में भी इजाफा हो जाएगा.निबंधन विभाग ने जिला स्तर पर जमीन की कीमत में की गई वृद्धि को प्रभावी करने से संबंधित आदेश उपायुक्तों को भेज दिया है।

मांगी है रिपोर्ट

किस क्षेत्र की जमीन की कीमत क्या होगी, इसका आकलन संबंधित क्षेत्र की भूमि के वर्तमान मूल्य पर आधारित होता है। जमीन अगर संबंधित क्षेत्र की मुख्य सड़क से सटी है तो इसकी कीमत अधिक होगी। इसके विपरीत मुख्य सड़क से 100 मीटर की दूरी पर स्थित जमीन की कीमत अपेक्षाकृत कम होती है। निबंधन महानिरीक्षक उमा शशि चटर्जी के अनुसार उपायुक्ताें को तय फार्मूले के अनुसार संबंधित क्षेत्र की भूमि की कीमत निर्धारित कर उसकी रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। दो-चार दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी। समीक्षा के बाद निबंधन विभाग एक अगस्त से नई दर प्रभावी कर देगा।

कीमत तय करने का फार्मूला

भूमि की कीमत तय करने से पूर्व संबंधित क्षेत्र की भूमि की पांच बिक्री पट्टों का इंतजाम किया जाता है। भूमि के ये ऐसे पट्टे होते हैं, जिनकी बिक्री हाल के दिनों में हुई हो। फिर पांचों पट्टे की कुल कीमत का औसत मूल्य निकाला जाता है, जिससे जमीन की वर्तमान कीमत निर्धारित हो जाती है। इसे ऐसे समझें, संबंधित भूमि की कीमत प्रति विक्रय पट्टा प्रति डिसमिल क्रमश: 10, 20, 30, 40 और 50 हजार रुपये है। इस तरह इसकी कुल कीमत हुई एक लाख 50 हजार रुपये और इसका औसत मूल्य हुआ 30 हजार रुपये डिसमिल।

निबंधन शुल्क मद में भी चुकाना होगा अधिक

हालांकि राज्य सरकार की ओर से स्टांप और निबंधन शुल्क में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है, परंतु जमीन की कीमत बढ़ने से जमीन और फ्लैट के खरीदारों को अधिक कीमत चुकानी होगी। वर्तमान में स्टांप शुल्क मद में जमीन की कुल कीमत का चार फीसद स्टांप शुल्क और तीन फीसद निबंधन शुल्क के रूप में लिया जाता है। मतलब अगर जमीन की कुल कीमत 10 लाख रुपये है तो इस मद में क्रेताओं को 70 हजार रुपये चुकाने होंगे।