जमशेदपुर : कोविड-19 की पाबंदियों का असर सैकड़ों साल से चली आ रही रथयात्रा पर भी देखने को मिला। लौहनगरी में इस्कॉन की ओर से वृहद पैमाने पर रथ यात्रा निकाली जाती है। बिष्टुपुर राम मंदिर से साकची धालभूम क्लब तक निकलने वाली रथ यात्रा करीब दस किलोमीटर दूरी तय करती थी। कोरोना महामारी के कारण लगातार दूसरी बार बार इस्कॉन की ओर से रथ यात्रा की दूरी दस किलोमीटर की नहीं बल्कि मंदिर परिसर में दस मीटर की दूरी तय की गई। गोलमुरी इस्कॉन मंदिर परिसर में ही अस्थायी मौसीबाड़ी बनाकर इस बार परंपरा का निर्वाह किया गया। वहीं नागा मंदिर बेल्डीह में मंदिर प्रांगण में ही रथ पर बैठाकर महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा माता की पूजा-अर्चना की जाएगी। दोपहर बाद तीनों विग्रहों को पंडित व पुजारी गोद में उठाकर मौसीबाड़ी पहुंचाएं। ऐसा ही गांधी आश्रम में भी किया गया। मंदिर परिसर में ही महाप्रभु की पूजा-अर्चना कर परंपरा निभाई गई। रथ गली, जुगसलाई में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण रथ यात्रा नहीं निकाली गई। मंदिर में ही सारे विधान पूरे किए गए। सोमवार को यहां तीनों विग्रहों का नेत्र उत्सव मनाया गया। महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को स्नान कराने के बाद नए वस्त्र पहनाया गया। आरती के बाद भोग लगाया गया। खासमहल स्थित जगन्नाथ मंदिर में सोमवार को महाप्रभु के नवयौवन रूप के दर्शन किए गए। सोमवार को नवयौवन दर्शन के मौके पर तीनो विग्रहों को नए वस्त्र पहनाए गए।

पूर्व मंत्री व सांसद पहुंचे

गोलमुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में पूर्व मंत्री अमर बाऊरी व सांसद विद्युत वरण महतो ने पूजा-अर्चना की। अमर बाऊरी जहां भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को अपने साथ महाप्रभु का भजन करते हुए मंदिर परिसर से निकले। बहन सुभद्रा, बड़ भाई बलभद्र को रथ में बैठाया गया। यहां आरती व रस्सी के पूजा करने के बाद रथ को उपस्थित भक्तों ने खींचा। कोविड-19 के निर्देश का पालन करते मंदिर के संचालकों की ओर से बहुत ही कम लोगों को बुलाया गया। सारा कार्यक्रम इस्कॉन मंदिर के पुजारी पद्यमनाथ जगन्नाथ दास की देखरेख में आयोजित की गई।

सोशल मीडिया पर प्रसारण

कोरोना माहमारी के बीच सोमवार को महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का नेत्र उत्सव मनाने के साथ उनके नवयौवन रूप के दर्शन किए गए। जय जगन्नाथ के जयघोष से गूंजता वातावरण। लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रथ यात्रा आयोजन समितियों ने पंडित व पुजारियों की मौजूदगी में सारे नीति-नियम संपन्न कराए। नेत्र उत्सव, नवयौवन दर्शन, आरती व छप्पन भोग कार्यक्रम का सोशल मीडिया पर सीधा प्रसारण किया गया।

महिलाओं ने बांधा समां

इस्कॉन मंदिर ने भगवान जगन्नाथ के जयकारें व भजनों के बीच महिलाओं ने नृत्य का ऐसा समां बांधा कि सभी भाव विभोर हो गए। इस्कॉन मंदिर की भजन मंडली ने जय जगन्नाथ, जय बलभद्र व जय सुभद्रा के गीत गाए।