छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : करणडीह स्थित रिमांड होम में बाल कैदी के साथ अननेचुरल सेक्सुअल एक्टिविटी 29 अप्रैल को की गई थी। सात बाल कैदियों ने तेज साउंड में टीवी चलाकर मारपीट की थी। जबकि पांच बाल कैदियों ने अननेचुरल सेक्सुअल एक्टिविटी को अंजाम दिया था। रिमांड होम में 15 अप्रैल को एक बाल कैदी आया था। उसी समय से उसके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा था। पीडि़त बाल कैदी का शुक्रवार को सीआईडी की ओर से बयान लिया गया। सीआइडी के एसएसबीओ जेपी सिरका ने पीडि़त बाल कैदी का बयान लिया। इसके बाद परसुडीह थाना पुलिस ने सभी आरोपी और पीडि़त बाल कैदी का मेडिकल चेकअप कराया।

7 दिन बाद मामला दर्ज

बाल कैदी के साथ अननेचुरल सेक्सुअल एक्टिविटी की घटना 29 अप्रैल को हुई थी। लेकिन लोकल इंचार्ज बैकुंठ सिंह की ओर से मामला 6 अप्रैल को दर्ज कराया गया। परसुडीह थाने में उनकी ओर से लिखित शिकायत के बाद मामला सामने आया है। पीडि़त बाल कैदी ने इसकी शिकायत की थी। लेकिन मामले को दबाने का प्रयास किया गया। लेकिन जब बाल कैदी की तबीयत बिगड़ने लगी तो डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टरी जांच के बाद सारा मामला सामने आया। इस बात समाज कल्याण पदाधिकारी रंजना मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रिमांड होम में इस तरह की घटना की सूचना थी। सूचना के बाद पीडि़त बाल कैदी की काउंसिलिंग कराई जा रही थी। मामला दर्ज कराने और अन्य चीजों के लिए समय लिया गया था।

चार कांस्टेबल व एक रसोइया

रिमांड होम में चार कांस्टेबल और एक रसोइया है। लेकिन 29 अप्रैल को तेज साउंड में टीवी चलने और मारपीट की घटना उनके कानों तक नहीं सुनाई दी। बैकुंठ सिंह को वहां का लोकल इंचार्ज हैं। संप्रेक्षण गृह में 15 बाल कैदी और बाल सुधार गृह में 14 बच्चे रहते हैं। सीडीपीओ के अनुसार सभी के रहने की अलग-अलग व्यवस्था है। समय समय पर सभी बाल कैदियों की काउसिंलिंग कराई जाती है। वेल्डिंग सहित अन्य तकनीकी कौैशल की ट्रेनिंग भी दी जाती है। सीआईडी के अधिकारी ने रिमांड होम के कर्मचारियों से भी घटना की जानकारी ली।

टीवी और खेल सामान जब्त

रिमांड होम में बाल कैदियों के लिए खेल के सामान और टीवी की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इस घटना के बाद तमाम चीजों को जब्त कर लिया गया है। सभी बाल कैदी, आरोपी और पीड़त को अलग-अलग रखा जा रहा है।

अननेचुरल सेक्सुअल एक्टिविटी में पहुंचा है रिमांड होम (प्वाइंट टू बी नोटेड का लोगो)

जिस बाल कैदी के साथ अननेचुरल सेक्सुअल एक्टिविटी हुआ है वह खुद अननेचुरल सेक्सुअल एक्टिविटी(आइपीसी377)का आरोपी है। पीडि़त बाल कैदी अर्जुन(बदला हुआ नाम) के खिलाफ सोनारी थाना में आइपीसी 377 के तहत मामला दर्ज हुआ था। 15 अप्रैल 2015 से वह रिमांड होम में है। इधर,नए बाल कैदी के साथ यौन शोषण का मुख्य आरोपी मो आरिफ हसन है। घटना के बाद जुवेनाइल बोर्ड ने उसे सरयाकेला-खरसावां जेल ट्रांसफर किया गया है।