अब तो संख्या में यूथ अब इस सोशल नेटवर्किंग साइट के थ्रू अपना फ्रसट्रेशन भी मिटा रहे हैं। रिलेशनशिप में आई प्रॉब्लम हो या जॉब को लेकर हो रही परेशानी, ऐसे सिच्यूएशन को हैंडल करने के लिए यूथ फेसबुक का सहारा ले रहे हैं।

मिलते हैं सजेशन्स
चैटिंग से बोर हुए लोगों का इंटरेस्ट अब फेसबुक पेजेज क्रिएशन की ओर बढ़ रहा है। लोग अब अपना प्रोफाइल बनाने के साथ-साथ अपना इंटरेस्ट पेज भी क्रिएट कर रहे हैं। टीचर पर गुस्सा उतारना हो या गर्लफ्रेंड को बोलना हो सॉरी यूथ के लिए फेसबुक बेस्ट ऑप्शन है। एलएसडी, एवरी थ्ंिाग फेयर इन लव एंड वॉर, जुबिली पार्क यंग एडल्ट जैसे कई पेजेज हैं फेसबुक में। इन डिफरेंट पेजेज के जरिए लोग अपनी फीलिंग शेयर कर रहे हैं। साकची के रहने वाले आशीष भार्गव ने बताया कि वे जिस लडक़ी से प्यार करते थे उसने उन्हें डिच किया। वे खुद को संभाल नहीं पा रहे थे। उन्होंने ब्रोकन हार्ट पेज पर उन्होंने अपनी फीलिंग शेयर की। इसके बाद कई लोगों के सजेशन आए। इनमें से कई तो ऐसे थे, जिन्हें आशीष जानते तक नहीं थे। लोगों के सजेशन्स उनके लिए बहुत बेनेफिशियल रहा। उस पेज में पहले से ही कई ऐसे मेंबर्स थे, जो इस सिच्युएशन से गुजर रहे थे।

बढ़ रहे हैं page admin
फेसबुक पेज को अट्रेक्टिव बनाने के साथ-साथ ज्यादा फॉलोअर्स बनाए जा रहे हैं। आदित्यपुर की दीपिका ने कहा, ‘मुझे कोर्स बुक्स बोर करती हैं। अपना फसट्रेशन मिटाने के लिए आई हेट स्टडी का पेज तो बना लिया पर मैं उसे ठीक से मैनेज नहीं कर पा रही थी। पेज मेंटेन होता रहे और लाइकिंग ज्यादा होती जाए इसीलिए मैंने कई फ्रेंडस को पेज एडमिन बनाया। आज मेरे पेज के 1565 फै न हैं.’

कहना है expert का
साइकोलॉजिस्ट्स का कहना है कि फेसबुक के थ्रू फ्रस्ट्रेशन दूर करने का यह फंडा कहीं आपके लिए गले की हड्डी नहीं बन जाए। साइकोलॉजिस्ट निधि श्रीवस्तव का कहना है कि फेसबुक में हम खुद से जुड़ी कई पर्सनल चीजें शेयर करते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि कोई बहुत केयरफुली हमें वॉच भी कर सकता है। चूंकि फेसबुक एक सोशल नेटवर्किंग साइट है। ऐसे में पर्सनल लाइफ से रिलेटेड ज्यादा चीजें जानने पर कई बार लोग आपको मिसयूज भी कर सकते हैं।

'फेसबुक एक पब्लिक डॉमिन है। इसमें पर्सनल चीजें शेयर करना ठीक नहीं है। ऐसे में कोई इसका गलत फायदा उठा सकता है.'
डॉ निधि श्रीवास्तव, साइकॉलोजिस्ट जमशेदपुर

'फेसबुक फीलिंग शेयर करने का बेस्ट ऑप्शन है। जब भी ज्यादा डिप्रेस हो जाता हूं तो अपनी फीलिंग शेयर करके बहुत हल्का महसूस करता हूं.'
आशीष भार्गव, साकची

Report by: jamshedpur@inext.co.in