जमशेदपुर : टाटा स्टील की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर कंपनी ने शहरवासियों को जुबिली पार्क के रूप में तोहफा दिया था, उसमें बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब इसके बीच से होकर वाहन नहीं गुजर सकेंगे। साकची से बिष्टुपुर का रास्ता वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। इस सड़क को काटकर पार्क में मिलाया जा रहा है। यह बात तब उजागर हुई, जब विधायक सरयू राय सोमवार को जुबिली पार्क के भ्रमण पर गए। हालांकि यह काम पहले से चल रहा था, लेकिन अब तक इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था।

बहरहाल, सरयू राय को एक और स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उन्हें बेरिकेडिंग के नीचे से झुककर गुजरना पड़ा। सरयू राय ने कहा कि यह शहरवासियों के लिए अपमानजनक स्थिति है। इससे वैसे बुजुर्ग तो बिल्कुल नहीं जा सकते, जिन्हें घुटने में तकलीफ है। ज्ञात हो कि कोरोना काल में 485 दिन बंद रहने के बाद यह पार्क 15 जुलाई को शहरवासियों के लिए खोला गया था।

1958 से बनी थी सड़क

टाटा स्टील के स्वर्ण जयंती पर तीन मार्च 1958 को जुबिली पार्क का उद्घाटन देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं। जवाहरलाल नेहरू ने किया था। सरयू राय बताते हैं कि लोगों ने उन्हें बताया कि जब जुबिली पार्क बना था, तो यह सड़क थी। पार्क की सीमा सड़क के एक ओर तक थी। बाद में टाटा स्टील ने इस सड़क के दूसरी ओर भी पार्क का विस्तार कर दिया, जिसमें टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क या चिडि़याघर भी है। 62 एकड़ में फैले इस पार्क का उदघाटन तीन मार्च 1994 को किया गया था।

अब भी देखी जा रही आईडी प्रूफ

जुबिली पार्क जब 15 जुलाई को खुला था, तो इसमें आईडी प्रूफ देखकर ही पार्क में प्रवेश करने दिया जा रहा था। पहले दिन खुद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आईडी प्रूफ दिखाकर किया था। तीन दिन पहले उपायुक्त सूरज कुमार ने कहा कि उन्होंने टाटा स्टील को निर्देश दिया है कि अब आईडी प्रूफ का नियम बंद कर दें। इसके बावजूद सोमवार को जब सरयू राय गए, तो यह सिस्टम जारी था। पार्क के चौकीदारों-गार्ड ने कहा कि उन्हें इस तरह का आदेश कंपनी से नहीं मिला है, इसलिए पुराना नियम जारी रहेगा। हालांकि सरयू राय के कहने पर लोगों को अंदर जाने दिया गया

मुगल गार्डेन की तर्ज पर बना था जुबिली पार्क

टाटा स्टील द्वारा जुबिली पार्क के निर्माण की शुरुआत एस लैंकस्टर की देखरेख में 1937 में हुई थी। इसे दिल्ली के राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डेन और मैसूर के प्रसिद्ध पार्क की तर्ज पर बनाया गया था। पार्क का निर्माण अगस्त 1955 के आसपास तैयार हो गया था, जबकि उद्घाटन 1958 में हुआ। यह पार्क ना केवल शहर, बल्कि देश-विदेश से आने वालों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यह जमशेदपुर का लैंडमार्क भी बन चुका है।

जुबिली पार्क की सड़क बनेगी : डीसी

जुबिली पार्क की सड़क बंद करने और तोड़कर पार्क में मिलाने को उपायुक्त सूरज कुमार ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि यह सड़क पूर्व की भांति बनेगी। विशेष जांच के लिए मंगलवार को अनुमंडल अधिकारी, धालभूम संदीप कुमार मीणा जुबिली पार्क जाएंगे। वे वहां देखेंगे कि नागरिक सुविधा में किस-किस तरह की परेशानी हो रही है। आईडी प्रूफ देखकर पार्क में प्रवेश की व्यवस्था लागू रहने पर भी उपायुक्त ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसा हो रहा है तो गलत है।