JAMSHEDPUR : अब वह दिन दूर नहीं जब ड्रॉप आउट लड़कियों की तर्ज पर लड़कों के लिए भी अलग से स्कूल प्रारंभ होगा। पूर्वी सिंहभूम के शिक्षा विभाग ने इस तरह के स्कूल के लिए अपने आप को तैयार कर लिया है। बजट में इसका जिक्र भी किया है और स्कूल का पूरा खाका प्रस्तुत किया है। इसके लिए बकायदा प्रति स्कूल फ्ख् लाख रुपये का बजट मांगा गया है। राज्य स्तरीय बजट समीक्षा में पूर्वी सिंहभूम के इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिया गया है और अन्य जिलों को इस तरह का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।

कस्तूरबा स्कूल की तर्ज पर

ड्राप आउट लड़कों के लिए खुलने वाला स्कूल पूरी तरह कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की तर्ज पर होगा। कस्तूरबा में सिर्फ ड्रॉप आउट लड़कियों की कक्षा छह से कक्षा क्ख्वीं तक पढ़ाई होती है। ड्रॉप आउट लड़कों के लिए खुलने वाले विद्यालय में भी प्रारंभिक चरण में कक्षा छह से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होगी। प्रत्येक स्कूल में भ्0 ड्रॉप आउट लड़कों का नामांकन कक्षा छह में कराया जायेगा।

राज्य का बना पहला जिला

इस तरह का स्कूल खोलने वाला पूर्वी सिंहभूम राज्य का पहला जिला बनेगा। पूर्वी सिंहभूम के सबसे नक्सल प्रभावित प्रखंडों में यह विद्यालय खुलेगा। इस तरह के स्कूल के लिए पूर्वी सिंहभूम के शिक्षा विभाग ने गुड़ाबांधा, डुमरिया व बोड़ाम प्रखंड का चयन कर लिया है। डुमरिया में लखाईडीह स्कूल को इसके लिए चयनित किया गया है। अन्य प्रखंडों में भी प्रारंभिक चरण में इस तरह के स्कूल किसी न किसी विद्यालय में चलाये जायेंगे। सरकार के अनुमोदन के बाद ड्रॉप आउट लड़कों के लिए अलग से स्कूल का सपना साकार हो पायेगा।