-पंद्रह दिन पहले दो मिलिटेंट को मार गिराया था किशन ने

-शहर के लोगों के साथ-साथ मौसम भी रोया जार-जार

JAMSHEDPUR: आज वह फिर घर लौटा है, लेकिन कुछ नहीं बोल पा रहा था। वह खामोश था। चिर निद्रा में सोया था। घर का आंगन भी उदास था। कीताडीह की पगडंडियां भी खामोश थीं। उसके घर के आगे भीड़ थी जो किशन के घर का पता बता रही थी। श्रीनगर में गुरुवार को शहीद तिरंगे में लिपटे जमशेदपुर के लाल की बॉडी शनिवार को शहर पहुंची। शहर के लोगों के साथ-साथ मौसम ने भी अपने आंसू बहाए।

जयघोष से हुआ स्वागत

शहीद किशन का पार्थिव शरीर लेकर बीएसफ के जवान जैसे ही शहर में पहुंचे। लोग शहीदी जयघोष के साथ उसका स्वागत कर रहे थे। हर कोई शहीद की एक झलक पाना चाह रहा था। वहां पर स्वागत के बाद धीरे-धीरे शहीद का जनाजा शहर की भीड़ में शामिल हो गया। पारडीह, मानगो, साकची होते हुए पार्थिव शरीर को टीएमएच पहुंचा। ले लो सलाम शहीदों, ले लो मेरा सलाम, वंदे मातरम, भारत माता की जय, शहीद किशन अमर रहे। इन नारों से पूरा शहर गूंज उठा। बीएसएफ के एंबुलेंस से जैसे ही पारडीह काली मंदिर चौक के पास पहुंचा पूरा इलाका देशभक्ति के रंग में रंग गया। वंदे मातरम और किशन की जयघोष चारों ओर हो रही थी।

भूतपूर्व सैनिकों ने किया स्कॉर्ट

शहीद के जनाजे को भूतपूर्व सैनिकों ने पारडीह चौक से स्कॉर्ट किया। सैनिक एंबुलेंस के आगे और पीछे बाइक से चल रहे थे। हाथ में तिरंगा झंडा लहराते हुए सैनिक स्कॉर्ट कर रहे थे। भुतपूर्व सैनिकों के वंदे मातरम और शहीदी नारों से पूरा पूरा इलाका देशभक्ति की रंग में डूब गया। सैनिकों ने टीएमएच तक स्कॉर्ट करते हुए शहीद किशन को पहुंचाया। शहीद के पार्थिव शरीर को टीएमएच के शीतगृह में ससम्मान रखा गया है।

ट्रैफिक फ्री किया गया

शहीद के पार्थिव शरीर को पहुंचने से पहले ही जुलूस जाने के रास्ते को पूरी तरह से ट्रैफिक फ्री कर दिया गया था। पारडीह चौक पर पटमदा डीएसपी अमित कुमार, एमजीएम सर्किल इंस्पेक्टर एस प्रसाद, एसडीएम आलोक कुमार सहित तमाम लोग मौजूद थे। स्कॉर्ट में ये अधिकारी भी मुस्तैद रहे।

इनकी रही भागीदारी

भूतपूर्व सैनिक परिषद की ओर से सार्जेट पी शंकर, जनरल सेक्रेटरी सुशील कुमार सिंह, वरुण कुमार, ब्रज किशोर सिंह, उमेश, सुरेश, सत्येंद्र सिंह, नरसिंह, अवधेश, पवन, राजेश पांडेय, जसबीर सिंह, हरेंद्र तिवारी, एसएस चक्रवर्ती, पंकज सिंह, मनोज ठाकुर, तारकेश्वर नाथ, एसएन सिंह, संजय ज्वाला, आशुतोष राय आदि तमाम लोग थे। भूतपूर्व सैनिक परिषद में तीनों सेना के (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) सेवानिवृत जवान और अधिकारी शामिल थे।

भीड़ बता रही थी किशन के घ्ार का पता

किशन की शहादत को सलाम करने काफी संख्या में लोग उसके घर पहुंचे थे। किशन का बड़ा भाई भी कल रात को घर आ गया था। परिजनों से मिलकर लोग ढांढस बंधा रहे थे। हर तरफ सिर्फ किशन की बहादुरी की चर्चा चल रही थी। पूरा माहौल गमगीन था, लेकिन किशन की शहादत से पूरे शहर का सीना चौड़ा है। किशन के घर के आगे जमा हुई भीड़ उसके घर का पता बता रही थी। कीताडही के त्रिमूर्ति चौक के पास लगी भीड़ इस बात की गवाह थी कि यही है कश्मीर में शहीद किशन का घर।

मौसम ने भी बहाया आंसू

शनिवार को शहर का मौसम उदास था। किशन की याद में मौसम भी उदास था। अपनी याद का अहसास मौसम बारिश के साथ कर रहा था। किशन के घर पर उसके तमाम साथी जमा हुए थे। उसके साथियों में गम और गुस्सा दोनों नजर आया। किशन के दोस्त मुकेश पांडेय का कहना था कि हमारे देश के साथ कब तक ऐसी दगाबाजी होती रहेगी। देश में तो एकमत की सरकार है। फिर नापाक हरकतों को क्यों बर्दाश्त किया जा रहा है। क्या हमारे साथी ऐसे ही गोलियां खाते रहेंगे।

दो मिलिटेंट को मार गिराया था किशन ने

क्भ् दिन पहले किशन ने दो मिलिटेंट को मार गिराया था। किशन ने एक सप्ताह पहले यह बात घरवालों को बताई थी। उसने यह भी कहा था कि यहां हमेशा खतरा बना रहता है। मरने और मारने की नौबत हमेशा बनी रहती है। खतरों से खेलना तो अब हमारी फितरत हो गई है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।

राधा पोस्ट पर तैनात था

किशन श्रीनगर से करीब भ्0 किमी दूर बारामूला के नौसेरा सेक्टर के राधा पोस्ट पर तैनात था। पोस्ट में चार से पांच जवान हमेशा तैनात रहते थे। पोस्ट पर क्रॉस फायरिंग तो आम बात थी, लेकिन गुरुवार को पाकिस्तान रेजंर्स के स्नाइपर शूटरों ने राधा पोस्ट पर टार्गेट किया। लेंस से निशाना साधते हुए गोलियां चलाई गईं। उस वक्त किशन चौकी पर पहरा दे रहा था उसी समय उसके दाहिनी आंख में गोली लग गई।

स्टेशन गोलचक्कर के पास लगेगी प्रतिमा

स्टेशन गोलचक्कर के पास शहीद किशन की प्रतिमा स्थापित होगी। प्रतिमा स्थापन के बाद यह चौक शहीद किशन चौक के नाम से जाना जाएगा। यह आश्वासन सासंद विद्युत वरण महतो ने किशन के परिजनों को दिया। सांसद शनिवार को शोक संतप्त परिजनों से मिलने उनके घर गए थे।

पार्वती घाट पर अंतिम संस्कार आज

शहीद किशन दुबे का अंतिम संस्कार रविवार को पार्वती घाट पर किया जाएगा। इसके पूर्व शहीद को सलामी दी जाएगी। शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार को पहुंचते-पहुंचते देर शाम हो गया था। इसके पहले ही परिजनों ने रविवार को ही अंतिम संस्कार कराने की इच्छा जाहिर की थी। पार्थिव शरीर को शनिवार की रात को टाटा मेन हॉस्पिटल के शवगृह में रखा गया है। अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी बीएसएफ की टीम ने ली है। अंतिम संस्कार में सहयोग के लिए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है।