-आर्ट ऑफ लिविंग के तत्वावधान में बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में चल रहा है श्रीमद्भागवत कथा

JAMSHEDPUR(22 June): आर्ट ऑफ लिविंग के तत्वावधान में माइकल जॉन ऑडिटोरियम बिष्टुपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को कपिल अवतार ध्रुव चरित्र की कथा हुई। कथा वाचक स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि एक छोटे से बालक ध्रुव ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प और भक्ति के बल पर भगवान का प्राप्त कर लिया। भारतीय संस्कृति में हम बच्चों को दो मार्ग बताते हैं एक अध्यात्मिक तथा दूसरा भौतिक। इसके जरिए हम उन्हें विज्ञान और अपनी संस्कृति दोनों से जोड़ते हैं। जीव के मलिन मन में ईश्वर का वास हो नहीं सकता और इस मृत्युलोक में नित्य अनगिनित जीव प्राण त्याग रहे हैं। जीव ने संसार के हर विषय को अपने स्वार्थ से जोड़ दिया है। युवा पीढ़ी के अध्यात्म से जुड़ने से देश को अच्छे नागरिक मिलने की संभावना बनती है, मगर श्रद्धा, विश्वास के साथ यह संभव हो सकता है। उन्होंने बताया कि मनुष्य की मनोवृत्ति को अभाव या प्रभाव तय करता है। साथ ही दर्शन, श्रवण और मनन से भी जीव के भाव परिस्थिति वश बदलते हैं। कथा के दौरान स्वामी दिव्यानंद ने 'सबसे ऊंची प्रेम सदाई', 'मेरे सांवरे सलोने' और 'चितचोरा नंदलाला' जैसे भजनों के जरिए भक्तों को शक्ति रस से सराबोर कर दिया। कथा में आर्ट ऑफ लिविंग परिवार के सदस्य, आयोजक सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।