सवाल उठना लाजिमी है
संडे को सिटी के टेल्को एरिया में कोल्ड डिंक्स पीने से एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई। चार घंटे तक इलाज के बाद हालत में सुधार हुआ। जांच के बाद पता चला कि कोल्ड ड्रिंक के उस बोतल में कचरा मिला हुआ था। अब सवाल है कि एक बड़ी कंपनी के प्रोडक्ट में इस तरह की गड़बड़ी पाई जा सकती है, तो ऐसे में बगैर किसी स्टैंडर्ड को फॉलो किए बनायी जा रही सॉफ्ट ड्रिंक्स पर सवाल उठना लाजिमी है। सिटी में आपको रोड के किनारे तरह-तरह के फ्लेवर्ड ड्रिंक्स के स्टॉल मिल जाएंगे, पर कार्बोनेटेड वाटर या सिर्फ पानी में फ्लेवर मिलाकर बनाए गए इन ड्रिंक्स की क्वालिटी का कोई पैमाना नहीं है। ड्रिंक्स बेचने वाले ज्यादातर वेंडर्स के पास फूड सेफ्टी एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। ऐसे में पीने वाले के पास इस बात की कोई जानकारी नहीं कि उसके ग्लास में जाने वाली फ्लेवर्ड ड्रिंक्स को बनाने में इस्तेमाल किए गए इंग्रीडिएंट्स का उनकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा।

हेल्थ के लिए हो सकता है नुकसानदेह
फिजीशियन डॉ बलराम झा कहते हैं कि अगर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए, तो डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है। इन ड्रिंक्स को बनाने में अगर स्टैैंडड्र्स को फॉलो नहीं किया गया, तो उनमे मौजूद फ्लेवरिंग एजेंट, प्रिजर्वेटिव्स और दूसरे इंग्रिडिएंट्स और भी कई बीमारियों की वजह बन सकते हैं। फिजीशियन डॉ निर्मल कुमार ने भी कुछ ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि अगर मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर कंजम्प्शन तक क्वालिटी को मेंटेन नहीं किया जाए, तो इन ड्रिंक्स के पीने पर कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

रहता है contamination का chance
डॉ निर्मल कुमार ने बताया कि अगर कोई वाटर बेस्ड ड्रिंक हो तो उसमें बैक्टिरिया या फंगल इंफेक्शन के चांसेज रहते हैं। इसकी वजह से डायरिया डिसेंटरी, फूड प्वाइजनिंग और दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि इन ड्रिंक्स को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले इंग्रिडिएंट्स का इस्तेमाल सही अनुपात में ना हो तो और भी कई तरह के हेल्थ रिलेटेड प्रॉŽलम्स हो सकती हैं। फिजीशियन डॉ अशोक कुमार ने भी इस तरह के ड्रिंक्स के कई खतरे बताए।

कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के ज्यादा इस्तेमाल से डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा रहता है। अगर इन्हें बनाने में स्टैंडड्र्स को मेंटेन नहीं किया गया, तो और भी कई बीमारियां हो सकती हैं।
-डॉ बलराम झा, फिजीशियन, एमजीएम

कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का ज्यादा इस्तेमाल हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसके ज्यादा यूज करने से लीवर डिजीज सहित कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है।
-डॉ अशोक कुमार, फिजीशियन

इस तरह के ड्रिंक्स को बनाने में इस्तेमाल किया गया पानी अच्छा ना  हो या मैन्युफैक्चरिंग या हैंडलिंग के दौरान कोई गड़बड़ी हो, तो बैक्टिरिया और फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है। इससे डायरिया डिसेंट्री, फूड प्वाइजनिंग सहित कई बीमारियां हो सकती हैं।
-डॉ निर्मल कुमार, फिजीशियन, एमजीएम

 

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in