-साल दर साल बढ़ रहा वेस्ट जेनरेशन, वेस्ट मैनेजमेंट की नहीं है पर्याप्त व्यवस्था

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JAMSHEDPUR: पर कैपिटा सॉलिड वेस्ट जेनरेशन के मामले जमशेदपुर लखनऊ, नागपुर, रांची, नासिक सहित देश के कई शहरों से आगे है। पर बात जब वेस्ट मैनेजमेंट की होती है तो शहर पीछे खड़ा नजर आता है। शहर में हर रोज जेनरेट होने वाले कचरे में बड़ी मात्रा इंवायरमेंट के लिए खतरनाक प्लास्टिक वेस्ट की होती है। ऐसे में वेस्ट मैनेजमेंट की प्रॉपर व्यवस्था नहीं होने से ये कचरा साफ-सफाई के साथ-साथ इंवायरमेंट के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है।

शुरू नहीं हुआ प्रोजेक्ट

शहर में सॉलिड वेस्ट का जेनरेशन लगातार बढ़ रहा है। हर रोज शहर में करीब 350 टन सॉलिड वेस्ट का जेनरेशन होता है। कुछ अनुमानों के मुताबिक तो शहर में सॉलिड वेस्ट जेनरेशन 500 टन से भी ज्यादा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 2011 में जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 36 करोड़ की लागत वाले इंटिग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। 300 टन वेस्ट डिस्पोजल की क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से शहर को कचरे की समस्या से राहत मिलती, लेकिन करीब चार साल बीच जाने की बाद भी प्रोजेक्ट का प्रॉग्रेस जीरो है। प्रोजेक्ट की शुरुआत से ही कई तरह की अड़चनें आती रहीं। इस वजह से प्रोजेक्ट जस का तस पड़ा हुआ है।

वेस्ट कलेक्शन और डिस्पोजल की व्यवस्था नहीं

शहर में वेस्ट जेनरेशन तो बढ़ रहा है, लेकिन इसके कलेक्शन और डिस्पोजल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। शहर के नन-कंपनी एरियाज में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से कचरा इधर-उधर फेंका जाता है। इस कचरे में बड़ी मात्रा प्लास्टिक वेस्ट भी होती है। ये कचरा ना सिर्फ इंवायरमेंट के लिए खतरा बनता है, बल्कि नालियों में जा कर सीवेज-ड्रेनेज सिस्टम जाम करता है। इसके अलावा बायोमेडिकल वेस्ट और हर्जाडस वेस्ट के सेग्रिगेशन की भी व्यवस्था नहीं है, जो इंवायरमेंट के लिए काफी नुकसानदेह है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट शुरू होने से यह समस्या दूर होती, लेकिन फिलहाल प्रोजेक्ट की जो रफ्तार है उसे देख कहना मुश्किल है की शहर को इस समस्या से कब छुटकारा मिलेगा।

जरूरी है री-साइक्लिंग

री-साइक्लिंग प्लास्टिक वेस्ट की समस्या से निजात पाने का एक असरदार तरीका है। री-साइक्लिंग के जरिए ना सिर्फ लैंडफिल साइट्स तक जाने वाले प्लास्टिक वेस्ट की मात्रा को कम किया जा सकता है, बल्कि इसके और भी कई फायदे हैं।

-रीसाइकल्ड प्लास्टिक से किसी प्रोडक्ट को बनाने में वर्जिन प्लास्टिक की तुलना में दो तिहाई कम एनर्जी लगती है।

-प्लास्टिक को इंसीनरेटर में जलाने की तुलना में री-साइक्लिंग से दोगुनी एनर्जी सेव होती है।

-प्लास्टिक को रीसाइकल कर उसका इस्तेमाल फ्लीस क्लॉथिंग बनाने में किया जा सकता है। इससे प्लास्टिक बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले क्रूड ऑयल का इस्तेमाल कम होगा

-दो लीटर के 25 प्लास्टिक बॉटल से एक एडल्ट फ्लीस जैकेट बनाई जा सकती है।

-एक प्लास्टिक बॉटल के री-साइक्लिंग में जितनी एनर्जी सेव होती है उससे कंप्यूटर को 25 मिनट तक चलाया जा सकता है।

घर से करें वेस्ट मैनेजमेंट की शुरुआत

वेस्ट मैनेजमेंट के लिए वेस्ट सेग्रिगेशन जरूरी है। अगर बायोडिग्रेडेबल और नन-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट को हाउसहोल्ड लेवल पर ही अलग कर दिया जाए, तो वेस्ट मैनेजमेंट काफी आसान हो सकता है। ये हैं कुछ टिप्स जिनके जरिए शहर की सुंदरता बनाए रखने और इंवायरमेंट की रक्षा में अपनी जिम्मेदारी निभाई जा सकती है

-ड्राई और गीले वेस्ट के लिए किचन में अलग-अलग कंटेनर रखें।

-प्लास्टिक को ड्राई वेस्ट कंटेनर में डालने से पहले साफ करके सुखा लें।

-प्लास्टिक या ग्लास बॉटल्स को कंटेनर में डालने से पहले उसमें से फूड आइटम निकाल कर उसे धो लें।

Box matter

सभी प्लास्टिक रिसाइक्लेबल नही होते हैं। ये हैं रिसाइक्लेबल और नन-रिसाइक्लेबल प्लास्टिक

Recyclable - PET, HDPE, LDPE, PP, PVC, PS

Non-Recyclable plastics - Multilayer X laminated plastics, PUF, Bakelite, Polycarbonate, Melamine, Nylon

इंटिग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत मिलनी थी ये सुविधाएं

-म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट का ऑर्गनाइज्ड डोर टू डोर कलेक्शन और सेग्रिगेशन

-सेग्रिगेटेड वेस्ट का प्राइमरी कलेक्शन और स्टोरेज

-ओपेन हीप के बजाय मूवेबल कवर्ड कंटेनर

-सड़कों की सफाई

-कवर्ड व्हीकल्स में वेस्ट का ट्रांसपोर्टेशन

-म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट के हायर रिसाइक्लिंग के लिए मल्टीपल प्रोडक्ट रिकवरी प्रॉसेसिंग फैसिलिटी

Per capita solid waste generation

City Waste generation (Kg/day)

जमशेदपुर .354

रांची .285

लखनऊ .251

नागपुर .285

वड़ोदरा .308

मदुरई .342

नासिक .217

जबलपुर .262

Solid waste generation estimate

Year Population Solid waste (MT)

2006 1,278,459 319.61

2007 1,318,811 329.70

2008 1,358,211 339.55

2009 1,397,610 349.40

2010 1,437,010 359.25

2011 1,475,306 369.10

2012 1,515,810 378.95

2013 1,555,210 388.80

2014 1,594,609 398.65

2021 2,012,317 503.08

2031 2,744,800 686.20

State wise municipal solid waste generation

State Generation collected treated

झारखंड 1710 869 50

बिहार 1670 1670 हृद्बद्य

छत्तीसगढ़ 1167 1069 250

ओडि़शा 2239 1837 33

वेस्ट बंगाल 12557 5054 606.5

(Source: Central Pollution Control Board, Quantity: Tonnes per day)

City में waste generation

Year MSW (Tonnes per day)

2001 342

2011 515

(Source: WTERT)

शहर के विभिन्न क्षेत्रों मे वेस्ट जेनरेशन

Municipal authority Population Waste generation (TPD)

JUSCO X JNAC 8 लाख 200 से 220

MNAC ख्.भ् लाख ब्0

जुगसलाई नगरपालिका भ्0 हजार क्ब् से क्8