JAMSHEDPUR : लौहनगरी में बहुत जल्द गर्भ में पल रहे दिव्यांग बच्चों की जांच के लिए पूर्व हस्तक्षेप केंद्र की स्थापना की जाएगी। इससे गर्भ में पल रहे बच्चों को जरूरी ट्रीटमेंट देकर उसे दिव्यांग होने से बचाया जा सकेगा। हर साल जिले में सैकड़ों बच्चे दिव्यांग पैदा होते हैं। जन्म से ही दिव्यांग होने के कारण माता-पिता के साथ ही सरकार को उनकी जिम्मेदारी उठानी होती हैं। पूर्व हस्ताक्षेप केंद्र के माध्यम से गर्भवस्था में ही जांच कर दिव्यांग बच्चों को दवाएं और न्यूट्रीशियन देकर उनको नया जीवन दिया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिले के अधिकारियों को आदेश देकर केंद्र के लिए जमीन चिह्नित करने का आदेश दिया है।


बच्चों को मिलेगा नया जीवन

शहर में पूर्व हस्ताक्षेप केंद्र की स्थापना से माता-पिता के साथ ही बच्चों को नया जीवन मिलेगा। गायनोलाजिस्ट डाक्टर वीणा सिंह का कहना है अगर इस तरह से बच्चों को दिव्यांग होने से बचाया जा सकता है तो यह देश के बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि जिले में सेंटर की स्थापना से लोगों को बल मिलेगा।


कम होगी विकलांगों की संख्या

सरकार की योजना के तहत पूर्व हस्ताक्षेप केंद्र स्थापना के बाद जिले में विकलांग बच्चों की संख्या में भी कमी देखने को मिल सकती है। बता दें कि हर साल दिव्यांगों के वेलफेयर के लिए सरकार करोड़ों रुपये का फंड देकर समाजिक सुरक्षा देती है।


ऐसे होगी जांच

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में गर्भधारण करने वाली महिलाओं को केंद्र में आकर जांच करानी होगी, जिस तरह गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि अगर किसी महिला का बच्चा जांच में दिव्यांगता का शिकार पाया जाता है, तो उसे प्रॉपर ट्रीटमेंट देकर बच्चे को ठीक करने की कोशिश की जाएगी। स्त्री एव प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ नीलम शर्मा ने बताया कि इस प्राक्यूशन से बच्चे की दिव्यांगता खत्म हो सकती है।


जिले में गर्भ के दौरान ही दिव्यांगता की जांच के लिए पूर्व हस्ताक्षेप केंद्र की स्थापना का प्लान विभाग है। जल्दी ही भूमि देखकर विभाग केंद्र की स्थापना करेगा। इससे जिले के लोगों को लाभ मिलेगा।

डॉ महेश्वर प्रसाद, सिविल सर्जन, जमशेदपुर