Tourism development के लिए कसी कमर
स्टेट में टूरिज्म डेवलपमेंट के लिए डिपार्टमेंट एक तरफ जहां टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स को डेवलप करने की तैयारी में है, वहीं टूरिस्ट्स के दिलों से नक्सलियों का डर खत्म करने की भी कोशिश की जा रही है। स्टेट में वेस्ट बंगाल से आने वाले टूरिस्ट ट्रैफिक को बढ़ाने के लिए भी पहल की जा रही है।

मिलेगा नक्सलियों का support
नक्सलियों का भय लंबे समय से स्टेट में टूरिज्म को प्रभावित करता आया है। सिनिक ब्यूटी और रिच वाइल्डलाइफ से भरपूर हजारीबाग नेशनल पार्क, पलामू टाइगर प्रोजेक्ट, नेतरहाट, दलमा वाइल्डलाइफ सैैंक्चुरी, सारंडा फॉरेस्ट सहित स्टेट में ऐसे कई प्लेसेज हैं, जिनमें
टूरिज्म के लिहाज से काफी संभावनाएं हैं, पर नक्सलियों के भय से अक्सर लोग इनसे दूरी बनाना ही बेहतर समझते हैं। टूरिज्म डिपार्टमेंट ने लोगोंके इस डर को खत्म करने की तैयारी कर ली है। स्टेट टूरिज्म सेक्रेटरी सजल चक्रवर्ती ने बताया कि टूरिज्म को नक्सलियों के डर से दूर रखने के लिए उनसे बातचीत का तरीका अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई नक्सली आउटफिट्स से मेडिएटर्स के माध्यम से बातचीत की गई है।

मिले हैं positive signal
नक्सलियों से बातचीत के इस पहल के पॉजिटिव रिजल्ट भी आते दिखाई दे रहे हैं। स्टेट टूरिज्म सेक्रेटरी ने बताया कि नक्सलियों ने टूरिज्म डेवलपमेंट में किसी तरह की अड़चन ना डालने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने एक कदम आगे बढ़ते हुए टूरिस्ट्स की सुरक्षा का भी आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने टूरिस्ट्स को क्रिमिनल्स से भी सुरक्षा का भरोसा दिया है।

Local culture को दिया जाएगा बढ़ावा
सजल चक्रवर्ती ने बताया कि सिनिक ब्यूटी से भरपूर होने के साथ-साथ स्टेट का कल्चर भी काफी समृद्ध है। उन्होंने कहा कि लोगो तक पहुंचाने के लिए ग्रासरूट लेवल से पहल की जाएगी। उन्होंने बताया कि झारखंड के हर इलाके में मौजूद कल्चर को बिना किसी छेड़छाड़ के टूरिस्ट तक उसी रूप में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इस काम में लोकल पब्लिक को भी शामिल किया जाएगा।

छोटे-छोटे प्रयासों से बनेगी बात
सजल चक्रवर्ती ने बताया कि टूरिज्म डेवलपमेंट के लिए बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने के बजाय छोटे-छोटे प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि टूरिस्ट प्लेसेज के आस-पास पर्यटकों की सुविधा के लिए गवर्नमेंट और स्थानीय लोगों के सहयोग से फैसिलिटीज डेवलप की जाएगी। इससे ना सिर्फ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों के लिए इनकम के नए सोर्स भी ओपन होंगे।

सारंडा में है उम्मीदें
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में अवैध माइनिंग और जंगलों की कटाई की वजह से सारंडा की नेचुरल ब्यूटी को काफी नुकसान पहुंचा है। उसके बावजूद यहां टूरिज्म के लिए काफी संभावनाएं है। उन्होंने बताया कि इस रीजन में दलमा में हाथियों के अलावा वाइल्डलाइफ के क्षेत्र में ज्यादा स्कोप नहीं पर यहां की सिनिक और कल्चरल ब्यूटी को एक्सप्लोर किया जा सकता है।

West Bengal के tourist के लिए hotspot 
कोलकाता और वेस्ट बंगाल के दूसरे पाट्र्स के लोगों के लिए झारखंड हमेशा से फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन रहा है। सजल चक्रवर्ती ने बताया कि कोलकाता और आसपास खुले और ग्रीन प्लेसेज की कमी होने की वजह से बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि ईंस्ट सिंहभूम और आसपास के इलाकों की ब्यूटी के बारे में सालों से बंगाली राइटर लिखते आ रहे हैं। ऐसे में इन जगहों को डेवलप कर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टूरिज्म डिपार्टमेंट की टीम वेस्ट बंगाल जाकर भी इस दिशा में प्रयास करेगी।

'स्टेट में टूरिज्म डेवलपमेंट के लिए कोशिशें की जा रही हैं। टूरिस्ट्स के दिलों से नक्सलियों का डर निकालने की भी कोशिश हो रही है। कई नक्सली आउटफिट्स से मेडिएटर्स की माध्यम से बातचीत की गई है.'
-सजल चक्रवर्ती सेक्रेटरी, टूरिज्म डिपार्टमेंट, झारखंड

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in