-प्रशासन की कार्रवाई से नाराज ऑटो और वैन ड्राइवर शुक्रवार को हड़ताल पर रहे

JAMSHEDPUR: प्रशासन की कार्रवाई से नाराज ऑटो और वैन ड्राइवर शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। इस वजह से स्टूडेंट्स और पैरेंट्स खासे परेशान हुए। इसका असर सुबह से ही देखने को मिला। बाइक, स्कूटर और दूसरे प्राइवेट व्हीकल से बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया गया। यही हाल छुट्टी के बाद भी स्कूल के आसपास और सड़कों पर था। कई पैरेंट्स ऑफिस के जरूरी काम को छोड़कर बच्चों को लेने आए। गार्जियन शुत्रघ्न गिरि ने बताया कि प्रशासन को स्कूल प्रबंधन पर सख्ती से पेश आना चाहिए। स्कूल मैनेजमेंट का अपना ट्रांसपोर्टिग सिस्टम नहीं है। इससे पैरेंट्स को काफी परेशानी होती है।

परेशान रहे पैरेंट्स

स्कूली ऑटो और वैन ड्राइवर की हड़ताल की वजह से पैरेंट्स ने किसी तरह बच्चों को घर से स्कूल पहुंचाया। यही हाल बच्चों की छुट्टी के बाद हुआ। लाने और ले जाने में कई अभिभावक ख्रासे परेशान दिखे। हालांकि, उनका कहना था कि ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान तो चलना ही चाहिए। ऑटो हड़ताल की वजह से अभिभावक खासे परेशान रहे। हड़ताल की वजह से एक-एक बाइक पर तीन से अधिक बच्चे सवारी करते देखे गए।

लगता रहा जाम

अपनी व्हीकल से पैरेंट्स ने बच्चों को स्कूल पहुंचाया और छुट्टी के बाद घर ले गए। जैसे ही क्क्.फ्0 बजे स्कूलों में छुट्टी हुई सड़कों पर जाम लगने लगा। मानगो, साकची, बिष्टुपुर, जुगसलाई और अन्य इलाकों में जाम लगा रहा। सभी स्कूलों के पास भी काफी संख्या में फोर-व्हीलर और टू-व्हीलर की लाइन लगी रही।

वैन चालकों ने जुगसलाई में किया प्रदर्शन

क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने के खिलाफ चल रहे प्रशासनिक कार्रवाई से गुस्साए वैन चालकों ने जुगसलाई में प्रदर्शन किया। काफी देर तक वहां प्रदर्शन करते रहे। शिक्षित बेरोजगार संघ के बैनर तले ऑटो चालकों ने कदमा में भी प्रदर्शन किया। शुक्रवार को ट्रैफिक डीएसपी और डीटीओ के निर्देश पर टेल्को इलाके में अभियान चलाया गया।

क्या है डायरेक्शन?

ट्रासपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि ऑटो में सात और वैन में क्ख् बच्चों को ही बैठाना है, लेकिन वैन में ख्0 से अधिक बच्चे बैठाए जाते हैं। ऑटो का भी यही हाल होता है। ऐसे में कई बार दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। गर्मी छुट्टी के पहले शहर में स्कूल वैन से कई बार हादसे हो चुके हैं। इसके बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

वैन चालकों की हड़ताल की वजह से काफी परेशानी हुई। आम तौर पर वैन घर से स्कूल और फिर घर पहुंचा देते हैं। ऐसे में हमलोगों की भूमिका कम हो जाती है।

-शत्रुघ्न गिरि, गार्जियन

हड़ताल से सुबह से लेकर दोपहर तक परेशान रही। स्कूल पहुंचाने के बाद भी बच्चों को लाने की चिंता बनी रही, लेकिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई जायज है।

-संजू, गार्जियन

हड़ताल की वजह से सभी लोग बच्चों को पहुंचाने निकले थे। ऐसे में रोड में जाम लगता रहा। स्कूल के आसपास भी काफी लोगों का हुजूम जमा हुआ था।

-काकोली महतो, गार्जियन

अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए भालूबासा से बिष्टुपुर सुबह-सुबह जाना पड़ा। इसके बाद लाने की भी चिंता लगी रही। कामकाजी लोगों को दो बार आना-जाना करने में काफी परेशानी हुई।

-ममता सिंह, गार्जियन