JAMSHEDPUR : उनके पास पैसे नहीं हैं। उन्हें अगर कहीं अपना संस्थान खोलना होता है तो इसमें सोसाइटीज, उद्यमियों तथा ट्रस्ट का सहयोग मिलता है। जमशेदपुर में अगर कोई सोसाइटी तैयार हो तो यहां भी पटना की तरह सुपर थर्टी कोचिंग क्लासेज की स्थापना हो सकती है। इसमें गरीब बच्चों को आइआइटी की कोचिंग उपलब्ध करायी जायेगी। पढ़ाई के लिए उनके पास सारे संसाधन उपलब्ध हैं, बस व्यवस्था की जिम्मेदारी किसी को लेनी होगी। यह बातें बिहार के पूर्व डीजीपी सह अभयानंद सुपर-फ्0 के संस्थापक अभयानंद ने मंगलवार को राजेंद्र विद्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहीं। इस वर्ष राजस्थान के भीलवाड़ा से उनका प्रथम बैच निकलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास आइआइटी का पूरा मॉडल तैयार है, इस कारण गरीब छात्रों को इससे फायदा होता है। पिछले वर्ष उनके संस्थान के ख्ख्ब् बच्चों का आइआइटी में दाखिला हो पाया था। सफलता का औसत 7भ् प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि समाज ने जो दिया है, उसे समाज में बांटना चाहिए। इस कारण वह यह कार्य नि:शुल्क कर रहे हैं। जब गरीब आइआइटीयन बनते हैं तो उन्हें दिल को बड़ी तसल्ली होती है।

गांव में भाषा कमजोर, गणित अच्छा

बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने कहा कि जब उन्होंने अपने संस्थान की स्थापना की तो इससे पहले उन्होंने बिहार व झारखंड के कई गांवों का दौरा किया। पाया कि ग्रामीणों की अपनी भाषा तो ठीक है, लेकिन ¨हदी- अंगे्रजी कमजोर है। वहीं बच्चों की गणित पर पकड़ अच्छी है। ग्रामीण बच्चों की इस कला को भांपते हुए ही सुपर-फ्0 की स्थापना हुई।

जमशेदपुर में सुपर थर्टी की परीक्षा क्8 को

गरीब घरों के जो बच्चे आइआइटी की प्रवेश परीक्षा को क्रैक करना चाहते हैं, उनके लिए अच्छा मौका है। विभिन्न बोर्डो से दसवीं के परीक्षा देने वाले छात्र अभयानंद सुपर थर्टी के लिए प्रवेश परीक्षा दे सकते हैं। यह परीक्षा जमशेदपुर के राजेंद्र विद्यालय में क्8 दिसंबर को होगी। इसके लिए निशुल्क फार्म वितरण का कार्य राजेंद्र विद्यालय में प्रारंभ हो गया है। जो छात्र इस परीक्षा में चयनित होंगे, उन्हें पटना में रहकर आइआआइटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी को निशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराया जायेगा। इच्छुक छात्रों को क्ख् दिसंबर तक राजेंद्र विद्यालय में फॉर्म जमा कर देना है।