जमशेदपुर (ब्यूरो): टाटा स्टील ने माइनिंग में अनुसंधान और विकास में तेजी लाने के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीआईएमएफआर) के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। शनिवार को रांची में सीएसआईआर-सीआईएमएफआर के &वन वीक वन लैब&य कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

करेेंगे सहयोग

इस एमओयू के माध्यम से टाटा स्टील और सीएसआईआर-सीआईएमएफआर अन्वेषण, खनन और प्रसंस्करण सहित खनन में अनुसंधान और विकास के संभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगे। वे खनन उद्योग के लिए सस्टेनेबल अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास और वितरण पर भी सहयोग करेंगे। यह साझेदारी टाटा स्टील के लिए इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे कंपनी को नई तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी जो उसके खनन कार्यों की दक्षता और स्थिरता में सुधार कर सकती है। डीबी सुंदरा रामम ने कहा कि हम खनन में अनुसंधान और विकास में तेजी लाने के लिए सीएसआईआर-सीआईएमएफआर के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं। यह साझेदारी हमें नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में मदद करेगी जो हमें अधिक कुशलतापूर्वक और सस्टेनेबल तरीके से खनन करने में मदद कर सकती है।

इनकी रही मौजूदगी

एमओयू पर डीबी सुंदरा रामम, वाईस प्रेसिडेंट, रॉ मटेरियल्स, टाटा स्टील और डॉ जेके पांडे, चीफ साइंटिस्ट, सीएसआईआर-सीआईएमएफआर ने अतुल भटनागर, जनरल मैनेजर, ओर, माइंस एंड क्वेरीज, टाटा स्टील, संजय राजोरिया, जनरल मैनेजर, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील, अनुराग दीक्षित, जनरल मैनेजर, वेस्ट बोकारो डिवीजन, टाटा स्टील, प्रो अरविंद कुमार मिश्रा, निदेशक, सीएसआईआर-सीआईएमएफआर और डॉ एन कलैसेल्वी, महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव, डीएसआईआर और महानिदेशक, सीएसआईआर, सहित अन्य की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।