-प्रशासन का ढीला रवैया बढ़ा रहा है शहर का जाम

-रोड पर व्हीकल्स और ठेले-खमोचे वालों का रहता है कब्जा

JAMSHEDPUR!@inext.co.in

JAMSHEDPUR: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर की गई सर्वे रिपोर्ट बताती है कि हर दिन एक व्यक्ति ब्भ् मिनट जाम में खर्च कर देता है। प्रशासन के लाख दावों के बाद भी शहरवासियों को जाम से निजात नहीं मिल पाया है। रोड के किनारे दुकान और वाहन पार्किग भी रोकने में प्रशासन का ढीला रवैया भी जाम की परेशानी को बढ़ा रहा है। बिष्टुपुर एरिया के मेनरोड में ही व्हीकल पार्क किए जाते हैं। रोड पर गाड़ी पार्क कर लोग शॉपिंग करते हैं। लिहाजा क्ख् फीट चौड़ी सड़क में भ् फीट तो पार्किग में ही चला जाता है। बाकी बची सड़क में गाडि़यां क्रॉस करती है। लिहाजा रोड जाम की नौबत दिनभर बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी शाम के वक्त होती है। उधर, ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि शहर में जाम की स्थिति नहीं है।

ओवर ब्रिज भी जाम से अछूता नहीं

रेलवे स्टेशन के पास का ओवर ब्रिज भी जाम से अछूता नहीं है। दुनिया भर की तमाम दुकानें ओवर ब्रिज और उसके आसपास सजती है। ब्रिज पर ऑटो वालों की मनमानी अलग से। यहां से गुजरने वाले लोग दिनभर जाम की जद में रहते हैं। लेकिन न तो जाम खत्म होता है और न ही जाम के कारणों की पड़ताल की जाती है। लिहाजा जनता ट्रैफिक पुलिस को कोसती है और पुलिस पब्लिक को सिविक सेंस का हवाला देकर ट्रैफिक जाम के कारणों का ठीकरा आम लोगों पर फोड़ती है।

साकची गोलचक्कर में रोज जाम

साकची गोलचक्कर और इसके आसपास के इलाके भी जाम से अछूता नहीं है। ठीक साकची चौक पर ट्रैफिक पुलिस का चेकपोस्ट है। चेकपोस्ट के पास ही वाहन खड़े रहते हैं, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता। लिहाजा कई बार जाम की नौबत बन आती है। साकची से एमजीएम रोड में रोड को बैरिकेड किया गया है। इससे भी कई बार जाम और एक्सीडेंट का नौबत आती है।

जाम का दूसरा नाम है मानगो पुल

शहर में नो इंट्री खुलते ही मानगो पुल पर लंबा जाम लगता है। मानगो चौक से लेकर मानगो गोल चक्कर तक जाम की नौबत दिन भर बनी रहती है। गोलचक्कर के पास मानगो बस स्टैंड और भुइयांडीह की ओर से आ रहे बस, ट्रक और हेवी व्हीकल्स टर्न लेते हैं। इससे भी यहां हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। डिमना चौक से मानगो पुल की दूरी लगभग फ् किलोमीटर है। डिमना रोड से मानगो पुल तक गली-मोहल्लों में जाने के लिए दर्जन भर कट रोड है।

इसलिए लगता है जाम

-साकची एरिया में जहां-तहां खोमचे वाले, ठेले वाले, टेम्पू वाले खड़े कर अपनी दुकानदारी करते हैं।

-बिष्टुपुर, साकची, जुगसलाई, सोनारी बाजार पर रोड पर ही दुकानें सजी है। फुटपाथ पर होटल खुले हैं, ठेले हैं खोमचे हैं।

-नियम कानून है, रखवाले हैं, लेकिन जेब गरम होते ही कानून ढीला पड़ने लगता है।

-शहर के विभिन्न स्कूलों में क्क्.फ्0 बजे से लेकर ख् बजे तक छुट्टियां होती हैं। इस दौरान सभी चौक-चौराहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है।

-साकची स्थित ओल्ड कोर्ट से लेकर जुबिली पार्क गेट तक दो जगह यू टर्न है। एसपी ऑफिस और डीसी ऑफिस जाने के लिए यहां पर टर्न लेते हैं। इस वजह से जाम लगता है। फिलहाल यहां रोड कंस्ट्रक्शन चल रहा है। इस वजह से भी कई जगहों पर रोड को बैरिकेड किया गया है।

क्या कहते हैं सिटी के लोग

जाम में रोज एक घंटा से अधिक समय बर्बाद हो जाता है। जाम के कारण कई बार तो जरूरी काम भी छूट गया है। शहर में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन गई है।

बाबूलाल, साकची

ट्रैफिक जाम को रोकने में पुलिस की भूमिका सवाल खड़े करता है। ट्रैफिक कंट्रोल में उनका ध्यान कम और जेब की जुगाड़ में ज्यादा होता है। लिहाजा जनता जाम से त्रस्त है।

सेवा सिंह, सोनारी

ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पुलिस, प्रशासन और पब्लिक को आगे आना होगा। सभी को एक दूसरे की परेशानी समझनी होगी। तभी जाकर जाम जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।

श्रीकांत, बाराद्वारी

जाम के कई कारण हैं। रोड का चौड़ीकरण नहीं हुआ है, ट्रैफिक पुलिस की संख्या कम है, इसके साथ ही कई जगहों पर डिवाइडर और बैरिकेडिंग का अभाव है। इस वजह से भी जाम की समस्या होती है।

नरेंद्र नाथ आकुली, साकची

जमशेदपुर में ट्रैफिक जाम जैसी समस्या नहीं के बारबर है। रांची और धनबाद में ट्रैफिक जाम ज्यादा है। फिर भी ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं।

-विवेकानंद ठाकुर, ट्रैफिक डीएसपी