JAMSHEDPUR: 'ठीक से देखो रोल नंबर नेहा का ही है न। एक बार और देख लो। हां, मां दीदी का ही रोल नंबर है। उनका ख्म्वां रैंक है'। सिटी स्थित छोटा गोविंदपुर पोस्ट ऑफिस के समीप रहने वाली उषा देवी और उनके बेटे निशांत के बीच दोपहर करीब ख् बजे ऐसी ही बातें हो रही थीं। विश्वास नहीं हो रहा था। विश्वास होता भी कैसे, फ‌र्स्ट अटैंप्ट में ही बिटिया आइएएस जो बन गई थी। टाटा मोटर्स में काम करने वाले सुनिल कुमार दुबे और उषा की बड़ी बेटी नेहा कुमारी को यूपीएससी के सिविल सर्विसेज एग्जाम में ख्म्वां रैंक मिला। बेटी ने बेंगलुरू से कॉल कर खुशखबरी सुनाई उसके बाद घर पर सेलिब्रेशन का दौर चल पड़ा।

सेलेक्शन की उम्मीद थी, ख्म्वें रैंक ने तो खुशी को कई गुना बढ़ा दिया

नेहा कुमारी ने बताया कि मेंस में अच्छा लिखने से सेलेक्शन की उम्मीद तो थी पर ख्म्वां रैंक आएगा यह नहीं सोचा था। नेहा ने बताया कि वह होम स्टेट में रहकर लोगों के लिए काम करना चाहती हैं। रैंक अच्छा मिलने से उन्हें होम स्टेट मिलने की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।

दिल्ली नहीं, बेंगलुरू गई प्रिपेरेशन के लिए

सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी है तो सबसे पहला ख्याल दिल्ली का आता है। पर नहीं। नेहा कुमारी ने ऐसा नहीं सोचा। वह इस बात से खुश भी हैं कि प्रिपेरेशन के लिए वह दिल्ली नहीं गई। नेहा कुमारी ने इसके लिए बेंगलुरू जाना उचित समझा। उन्होंने बताया कि दिल्ली की कोचिंग में वह भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहती थी। उनका कहना था कि इस एग्जाम में सफलता पाने के लिए इंटरनेट का सही यूज और खुद को अपडेट रखना बहुत जरूरी है। सटीक राइटिंग और इसकी स्पीड बढ़ाने के लिए नेहा कुमारी ने एक ऑनलाइन साइट को ज्वॉइन किया था। नेहा कुमारी ने साफ कहा कि इस एग्जाम की तैयारी करने वाले सिर्फ दिल्ली के ही बारे में न सोचें।

विद्या भारती चिन्मया की स्टूडेंट रही हैं नेहा कुमारी

नेहा कुमारी ने विद्या भारती चिन्मया से प्लस टू तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ख्0क्क् में बीआईटी मेसरा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ख्0क्ख् में टाटा स्टील के ज्वॉइन किया। ख्0क्ब् में मैनेजर पोस्ट का जॉब छोड़कर वह बेंगलुरू सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए चली गई थीं। नेहा कुमारी का छोटा भाई निशांत आईआईटी खड़गपुर से मास्टर्स कर रहा है। बहन रश्मि बीआईटी मेसरा की स्टूडेंट है।

फ‌र्स्ट च्वॉइस आइएएस को दिया था

सिविल सर्विसेज में ख्ख्वें रैंक पर आने वाली नेहा और ख्म्वें रैंक हासिल करने वाली नेहा कुमारी, दोनों ने अपनी फ‌र्स्ट च्वॉइस आइएएस दिया था। नेहा ने सेकेंड च्वॉइस आईएफएस को दिया था जबकि नेहा कुमारी ने सेकेंड च्वॉइस के रुप में आईपीएस भरा था।

बेटियों के प्रति सोच बदले समाज

सिविल सर्विसेज में सफलता पाने वाली शहर की बेटियां नेहा और नेहा कुमारी ने खुद की सफलता समाज की उन पिता को समर्पित किया जो अपनी बेटी को बेटे की तरह मानते हैं। नेहा कुमारी ने कहा कि झारखंड जैसे स्टेट में अभी भी बेटियों के प्रति लोगों का नजरिया पुराना है। ऐसे में बेटियों की इस सफलता से वैसे लोग सोचने पर मजबूर जरुर होंगे जो बेटियों को अपने सिर का बोझ समझते हैं।