- अधिकारियों ने की जांच-पड़ताल अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज

- 35 के मादा व आठ साल के नर हाथी की दर्दनाक मौत

JAMSHEDPUR: दलमा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी की तलहटी में स्थित चीडूगोड़ा-गेरूआ में गेहूं के खेत में दो हाथियों की मौत हो गई। घटना रविवार की रात करीब तीन बजे की है। इनमें एक मादा (उम्र फ्भ् वर्ष) और एक पर हाथी (8 वर्ष) था। आशंका जताई जा रही है कि दोनों हाथियों की मौत थाईमेट नामक जहरीला पदार्थ खाने से ही हुई है। जिस गेहूं की खेत में दोनों हाथी मृत पाए गए, उस खेत में थाईमेट नामक जहरीले द्रव्य का छिड़काव किया गया था।

जानकारी मिलते ही मौके पर दलमा के रेंजर आरपी सिंह, फॉरेस्टर कालेश्वर भगत, रविंद्र कुमार, सदानंद सिंह समेत अन्य अधिकारी पहुंचे और जांच-पड़ताल की। दो हाथियों की मौत से आमदा पहाड़ में अन्य हाथियों ने चिघाड़ना शुरू कर दिया। इससे स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल है। लोगों का कहना था कि रात में हाथियों का झुंड अपने मारे गए साथियों की तलाश में आकर जान-माल को नुकसान पहुंचा सकता है।

दोनों को दफनाया गया

जांच पड़ताल के बाद दोनों हाथियों को दफना दिया गया। पशु चिकित्सक ने हाथी का बिसरा इकट्ठा किया और डीएफओ के सुपुर्द कर दिया। डीएफओ कमलेश कुमार पांडेय ने बताया कि बिसरा को रांची स्थित फोरेंसिक लैब को भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ ने बताया कि इस संबंध में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा रहा है। इसके अलावा दलमा के रेंजर से रिपोर्ट मांगी गई है। जो भी दोषी होगा, उस पर वन्य प्राणी अधिनियम क्97ख् के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों हाथी की मौत जहर खाने से ही हुई है।

रात भर होगी पेट्रोलिंग

दो हाथियों की मौत की जानकारी मिलते ही दलमा के डीएफओ कमलेश कुमार पांडेय रांची से जमशेदपुर पहुंचे। उन्होंने मकुलाकोचा में दलमा के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों संग बैठक की। बैठक में जानकारी लेने के बाद रेंजर आरपी सिंह को निर्देश दिया कि आबादी वाले क्षेत्र जहां हाथियों के रहने की जानकारी मिलती है, उस क्षेत्र में रात भर पेट्रोलिंग हो।