-टाटा स्टील के जवाब का इंतजार कर रहा है नगर विकास

JAMSHEDPUR: जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउन तो बने लेकिन साथ ही नगर निकाय भी वजूद में रहे इसे लेकर सरकार और टाटा स्टील में बातचीत चल रही है। वार्ता में टाटा स्टील का सकारात्मक रुख है। सरकार जनहित का ख्याल रखते हुए चाहती है कि इंडस्ट्रियल टाउन के साथ ही शहर में नगर निकाय भी रहे और लोगों को तीसरे मताधिकार का भी हक मिले। यह बातें नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहीं।

नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव यहां योजना बनाओ अभियान की समीक्षा करने आए थे। इंडस्ट्रियल टाउन के मसले पर बोले कि सरकारी स्तर पर इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि कैसे इंडस्ट्रियल टाउन शिप के साथ ही नगर निकायों का भी अस्तित्व बरकरार रखा जाए। यही नहीं नगर निकायों में जनता की भी भागीदारी रहे। प्रधान सचिव ने बताया कि इस संबंध में सरकार ने इंडस्ट्रियल टाउन के साथ ही नगर निकायों के अस्तित्व का मसौदा तैयार कर टाटा स्टील को सौंप दिया है। अब इस पर टाटा स्टील को फैसला लेना है। इंडस्ट्रियल टाउनशिप और नगर निकायों के अस्तित्व में रहने की गेंद अब उनके पाले में है। उधर से जवाब आने के बाद ही इंडस्ट्रियल टाउन की गाड़ी आगे बढ़ेगी। प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि देश के कई इंडस्ट्रियल टाउन का अध्ययन किया गया है। कई शहरों में इंडस्ट्रियल टाउन के साथ ही नगर निकाय भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं कह रहे हैं कि दोनों एक जगह रहेंगे। बल्कि, ऐसा फार्मूला निकाला जा रहा है कि इंडस्ट्रियल टाउन के साथ ही नगर निकाय भी चले। उन्होंने कहा कि जो भी होगा जनता के लिए बढि़या होगा।

अभी नहीं उठाया केस

नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि इंडस्ट्रियल टाउन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे को अब तक टाटा स्टील ने नहीं उठाया है। अलबत्ता, उस मुकदमे अभी आगे की कार्रवाई स्टे है। वह कब केस उठाएंगे इस बारे में वही बता सकते हैं। यह मसला ख्7 साल पुराना है और दुर्भाग्यपूर्ण है। उम्मीद है कि अब इसका हल जल्द निकल आएगा।

एसडीओ तय करेंगे होल्डिंग

नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि जमशेदपुर, मानगो और जुगसलाई नगर पालिका में नए वित्तीय साल से नए रेट से होल्डिंग टैक्स की वसूली शुरू हो जाएगी। तीनों नगर निकायों ने होल्डिंग टैक्स का खाका तैयार कर एसडीओ को सौंप दिया है। अब एसडीओ को टीम बना कर सर्वे कराने के बाद मकान का किराया और होल्डिंग टैक्स तय करेंगे। गौरतलब है कि तीनों नगर निकायों ने पिछले साल ही एसडीओ को होल्डिंग टैक्स का खाका सौंपा था। वहां तकरीबन एक साल से इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हुई है। लेकिन, सरकार द्वारा क्भ् फरवरी की टाइम लाइन रखने के बाद अब एसडीओ सक्रिय होंगे।