-आदित्यपुर मोड़ पर बने फिल्टरेशन प्लांट में गंदगी का अंबार, चिडि़यों के पंख और हड्डी मिले

-इसी फिल्टरेशन प्लांट से बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में वाटर सप्लाई की जाती है

-गंदे पानी का शिकायत कर चुके हैं कॉलोनी के लोग

-फिल्टर बेड को कई सालों से नहीं चेंज किया गया, साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं

amit.choudhary@inext.co.in

JAMSSHEDPUR: बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के लोगों ने गंदा पानी सप्लाई होने की बात कही थी। उन्होंने बताया था कि पानी के साथ चिडि़यों के पंख और हड्डियां भी आती हैं। लोगों की परेशानी का सच जानने हम संडे को आदित्यपुर मोड़ (वोल्टास बिल्डिंग के पास) पर लगे फिल्टरेशन प्लांट पहुंचे। हमने जो देखा वह शॉकिंग था। अगर कोई एक बार वहां की स्थिति को देख ले तो उस पानी को पीना तो दूर उसे हाथ तक न लगाए।

गंदगी का अालम न पूछो

प्लांट के पानी में गंदगी का आलम यह था कि ऊपर से देखने पर पानी दिख भी नहीं रहा था। पानी में पत्ते, चिडि़यों के पंख और अगल-बलग हड्डियां पड़ी हुई थीं। रॉ वाटर जिस जहां इकट्ठा हो रहा था वहां तो इतनी गंदगी थी कि थोड़ी देर तक खड़ा रहना भी मुश्किल जान पड़ रहा था।

Filter Bed कई सालों से चेंज नहीं हुआ

फिल्टरेशन प्लांट की स्थिति पिछले कुछ सालों से ऐसी ही है। पिछले कई सालों से फिल्टर बेड चेंज नहीं किया गया है। फिल्टर बेड में बालू और छोटे पत्थर (कंकड़) होते हैं जो पानी को फिल्टर करते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादा मात्रा में पानी को फिल्टर करने का लोड हो तो फिल्टर बेड को दो या तीन साल में चेंज कर देना चाहिए। पर इस फिल्टरेशन प्लांट में पिछले करीब सात सालों से फिल्टर बेड चेंज नहीं किया गया।

इंजीनियर साहब के पास समय नहीं

जमशेदपुर डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुरेश प्रसाद के पास इतना भी समय नहीं कि वे यह देख पाएं कि फिल्टरेशन प्लांट में रेनोवेशन का काम हो भी रहा है या नहीं। रेनोवेशन के लिए ख्क् लाख 79 हजार रुपए का बजट सैंक्शन हो चुका है। यह काम एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के जिम्मे ही है, लेकिन उन्हें यह पता नहीं कि काम स्टार्ट हुआ है या नहीं। फिल्टर बेड चेंज करने के बारे में जब सुरेश प्रसाद से पूछा गया तो उनका कहना था कि यह आदित्यपुर डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नजरे इमाम की जिम्मेवारी थी।

मुझे यह पता नहीं कि फिल्टरेशन प्लांट का रेनोवेशन का काम हो रहा है या नहीं। मैंने तो काम स्टार्ट करने का निर्देश दिया था। जहां तक फिल्टर बेड बदलने की बात है तो यह जिम्मेवारी आदित्यपुर डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नजरे इमाम की थी। वे ही बता पाएंगे।

- सुरेश प्रसाद, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीएचईडी जमशेदपुर डिवीजन

अगर फिल्टर काम नहीं करेगा, तो पानी की सप्लाई ही बंद हो जाएगी। पानी में चिडि़यों का पंख कैसे चला गया यह देखना होगा। मैं कल ही एसडीओ को भेजकर फिल्टरेशन प्लांट का जायजा लेने को कहूंगा। गंदगी को साफ किया जाएगा। वैसे रेनोवेशन का काम तो सुरेश प्रसाद को मिला है। मुझे तो मिला नहीं।

- नजरे इमाम, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीएचईडी आदित्यपुर डिवीजन

फिल्टरेशन प्लांट के रेनोवेशन का काम क्यों रुका हुआ है यह तो मुझे भी नहीं मालूम। मैंने नजरे इमाम से कहा है कि वहां के काम में किसी तरह की रुकावट नहीं आनी चाहिए। सुरेश प्रसाद को काम कराने में किसी तरह की प्रॉब्लम हो रही है तो वे मुझे बताएं। उनको खुद जाकर वहां देखना चाहिए।

- राजेंद्र प्रसाद, सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर, पीएचईडी