-पानी की भीषण किल्लत से जूझ रहे सुखना बस्ती के लोग

JAMSHEDPUR: अच्छी सेहत के लिए स्वच्छ और प्योर वाटर बेहद जरूरी है। गंदा और दूषित पानी कई तरह की बीमारियों की वजह बन सकता है। इस बात की समझ सुखना बस्ती बालीगुमा के लोगों को भी है पर वे मजबूर हैं। बस्ती में पानी की भीषण किल्लत तो है ही साथ ही जो पानी उपलब्ध होता है उसकी क्वालिटी भी पर भी कई सवाल खड़े होते हैं।

जांच की जरूरत नहीं

सुखना बस्ती में लोगों को जो पानी उपलब्ध है उसके क्वालिटी का पता लगाने के लिए किसी जांच की जरूरत नहीं है। पानी किसी बर्तन में रखकर उसे सूंघने पर ऐसी स्मेल आता है। इस पानी का एक घूंट पी पाना भी मुश्किल है। पानी की किल्लत को देखते हुए लोग नहाने, कपड़ा धोने जैसे अन्य कार्यो के लिए बस्ती में स्थित एक तालाब के पानी का इस्तेमाल करते हैं। तत्कालीन कृषि मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा अक्टूबर ख्0क्ब् में तालाब के जीर्णोद्धार के लिए शिलान्यास भी किया गया था, लेकिन अब तक तालाब के जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं हुआ है।

बूंद-बूंद पानी के लिए मशक्कत

सुखना बस्ती बालीगुमा नीचे टोला, गर्मी की वजह से सभी लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं। शाम करीब साढ़े चार बजे पानी का टैंकर आता है। टैंकर खड़ी कर जैसे ही चालक हार्न बजाकर अपने आने का संकेत देता है बस्ती के लोग हाथों में गैलन, बाल्टी और पानी भरने के दूसरे बर्तन लेकर कुछ ही पलों के अंदर वहां जमा हो जाते हैं। सबको पानी भरने की जल्दबाजी है, और हो भी क्यों ना, अगर टैंकर चला गया तो इस तेज गर्मी में अगले दिन तक बगैर पानी ही गुजारा करना पड़ेगा। सुखना बस्ती में हर रोज कुछ ऐसा ही नजारा होता है। बस्ती में कई चापाकल लगाए गए हैं पर उनमें से ज्यादातर खराब ही रहते हैं। ऐसे में बस्ती के लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

खराब हैं ज्यादातर चापाकल

सुखना बस्ती में पानी की समस्या वर्षों से चली आ रही है। पाइपलाइन के जरिए वाटर सप्लाई की व्यवस्था नहीं है ऐसे में पीने के पानी के लिए चापाकल ही एकमात्र साधन है। पर ये चापाकल भी अक्सर साथ छोड़ देते हैं। बस्ती के लोगों ने बताया कि यहां करीब क्0 चापाकल लगाए गए हैं, जिनमे से ज्यादातर खराब हैं। सोमवार की सुबह तक सिर्फ एक ही चापाकल से पानी आ रहा था। बस्ती की करीब ब्म् सौ आबादी पिछले कई दिनों से पानी के लिए इसी चापाकल पर निर्भर थी। दोपहर में संबंधित विभाग द्वारा ख् और चापाकल की मरम्मत करवाई गई। पर इतनी आबादी के लिए तीन चापाकल भी नाकाफी हैं।

चापाकल की रिपेयरिंग का भी नहीं होता फायदा

बस्ती के लोगों ने बताया कि खराब चापाकल की मरम्मत का भी कोई फायदा नहीं होता है। लोगों ने बताया कि कई बार तो चापाकल बनाए जाने के एक सप्ताह के अंदर दोबारा खराब हो जाता है। लोगों ने बताया कि करीब छह महीने पहले एक नए चापाकल के लिए बोरिंग की गई थी, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी यहां चापाकल लगाया नहीं जा सका। चापाकल का सेट लगाए जाने तक बोरिंग को सुरक्षित रखने के लिए बस्ती के लोगों ने खुद से उसे मिट्टी से ढक दिया है।

पानी के लिए टैंकर का भरोसा

इस तेज गर्मी में बस्ती के लोग पानी के लिए टैंकर के भरोसे हैं। एमएनएसी द्वारा सुखना बस्ती, बालिगुमा ऊपर टोला और नीचे टोला के लिए क्ख्000 लीटर के पानी के टैंकर की व्यवस्था की गई है। बस्ती के लोगों ने बताया कि टैंकर द्वारा एक-एक दिन गैप के बाद ऊपर टोला और नीचे टोला में पानी दिया जाता है। एक-एक दिन बाद पानी मिलने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बस्ती के लोगों ने बताया कि सोमवार को यहां एमपी विद्युत वरण महतो और एमएलए सरयू राय आए थे। पानी की समस्या को जानकर इन्होंने बस्ती में दो बार टैंकर से पानी की सप्लाई किए जाने का निर्देश दिया। इस निर्देश का असर भी हुआ और शाम के वक्त पानी का टैंकर आया। बस्ती को लोगों को इससे राहत तो मिली पर दो अन्य बस्तियों की परेशानी बढ़ गई। टैंकर के एक कर्मचारी ने बताया कि उसे दो अन्य बस्तियों में पानी देना था, पर सुखना बस्ती में दो बार पानी की सप्लाई करने की वजह से अन्य जगहों पर टैंकर नहीं जा पाया। ऐसे में सवाल उठता है कि रिर्सोसेज बढ़ाए बगैर इस तरह के निर्देश से लोगों को कितनी राहत मिल पाएगी।

बस्ती में पानी की भीषण किल्लत है। ज्यादातर चापाकल खराब हैं। इन्हें बनाने का भी बहुत फायदा नहीं होता, क्योंकि हफ्ते भर बाद ही ये खराब हो जाते हैं।

-अमर बहादुर

बस्ती में पानी की काफी समस्या है। तालाब के पानी का भी इस्तेमाल करना पड़ता है पर ये पानी काफी गंदा है।

संध्या रानी महतो

चापाकल बनाए जाने के कुछ ही दिनों बाद फिर से खराब हो जाते हैं। पानी की काफी दिक्कत होती है।

अंकुर महतो

बस्ती में पानी की दिक्कत वर्षो से हैं। पानी में काफी दुर्गध भी आता है। यह पीने लायक नहीं होता।

आर महतो

बस्ती में पानी की काफी दिक्कत है। चापाकल अक्सर खराब रहते हैं। पानी का टैंकर भी हर रोज नहीं आता है।

संध्या रानी महतो

बस्ती में पानी की काफी समस्या है। चापाकल भी अक्सर खराब रहते हैं। पानी महकता है। इसे हम पी नहीं सकते हैं।

सरस्वती

ऐसे करें वाटर कंजर्वेशन

वाटर कंजर्वेशन की पहल घर के बगीचे से भी की जा सकती है। बगीचे में ज्यादा खाद न डालें। ज्यादा खाद डालने से पानी की जरूरत बढ़ जाती है। देशी और ऐसी घास, पौधे, बेल और झाडि़यां लगाए जिनमें पानी की कम जरूरत पड़ती हो। एक बार लगने के बाद इन्हें नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता नही रहती है। एक समान पानी की आवश्यकता वाले पौधों को एक साथ लगाएं।