जमशेदपुर (ब्यूरो): निजी स्कूलों की मनमानी लगातार जारी है। उन्हें किसी का कोई डर या परवाह नहीं है। प्रबंधन बच्चों की मानसकिता भी नहीं समझता। इसी तरह का एक मामला बिष्टुपुर स्थित सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल में सामने आया है। एक छात्रा को बीमार बताकर स्कूल उसके स्कूल में प्रवेश पर रोक लगा चुका है।

हो गया था टाइफाइड

बता दें कि सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल की छात्रा आद्रिजा बंगमास सत्र 2022-23 में क्लास 4सी की छात्रा रही है। सत्र 2022-23 की शुरुआत में आद्रिजा को टाइफाइड हो जाने पर स्कूल प्रबंधन द्वारा दूसरे बच्चों में बिमारी फैलने का हवाला देते हुए उसके ठीक होने तक स्कूल आने पर रोक लगा दी। जब नवंबर 2022 में आद्रिजा पूरी तरह से ठीक होने पर स्कूल गई तो स्कूल प्रबंधन द्वारा पुन: यह कहते हुए उसके स्कूल आने पर रोक लगा दी कि आद्रिजा का पूरे सत्र में पढ़ाई बाधित रहा है। स्कूल प्रबंधन ने उसे नये सत्र 2023-24 से स्कूल भेजने की बात उसके अभिभावक से कही गई। इस बीच अभिभावक द्वारा सत्र 2022-23 का पूरा फीस स्कूल में जमा कर दिया गया था।

नियम का उल्लंघन

आंद्रिजा को उसके अभिभावक जब नये सत्र 2023-24 में लेकर स्कूल गये, तो उन्हें स्कूल में प्रिंसिपल से मिलने को कहा गया। प्रिंसिपल ने कहा कि अब आद्रिजा को स्कूल भेजने की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने बच्ची का टीसी लेकर उसे किसी अन्य स्कूल में ले जाने को कह दिया। इस मामले को लेकर बुधवार को जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉ। उमेश कुमार बच्ची के परिजनों के साथ डीएसई कार्यालय पहुंचे। डॉ। उमेश ने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपल का बच्ची के प्रति यह रूख आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 16 का खुला उल्लंघन है।

संघ का आक्रोश

जमशेदपुर अभिभावक संघ ने स्कूल की प्रिंसिपल द्वारा आद्रिजा को शिक्षा पाने के संवैधानिक अधिकार से वंचित रखने व निष्कासित करने के लिए टीसी लेने हेतु अभिभावक पर दबाव बनाने की घटना पर आक्रोश जताया है। संघ ने प्रिंसीपल पर दंड स्वरूप आरटीई अधिनियम 2009 के प्रावधान के अनुसार न्याय सम्मत कारवाई करने व आद्रिजा को नये सत्र 2023-24 में क्लास 5 में प्रमोट करते हुए उसे क्लास शुरू करने का प्रिंसिपल को आदेश देने की गुजारिश की है।

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