रांची (ब्यूरो)। विश्व विरासत स्थल वे स्थल या विरासत हैं, जिनके बारे में यह स्वीकार किया जाता है कि इनका निर्माण किसी देश, जाति या पंथ का न होकर संपूर्ण मानव जाति की उपलब्धि है और इस प्रकार उनका सार्वभौमिक मूल्य है और इसलिए उनके अस्तित्व को संरक्षित एवं सुरक्षित रखना संपूर्ण मानव जाति का कर्तव्य है .झारखंड में 13 राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक हैं एवं 3 राज्य संरक्षित स्मारक है । युनेस्को ने इस वर्ष विश्व विरासत स्थल मनाये जाने का विषय विरासत एवं जलवायु रखा है अर्थात अपनी विरासत के साथ साथ उसकी पारिस्थितिकी को भी बचाए रखना उतना ही आवश्यक है । उक्त तथ्य को दृष्टिगत करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रांची मंडल ने इस वर्ष का विरासत दिवस प्राचीन सरोवर एवं मंदिर के अवशेष का स्थल बेनीसागर, जिला- पश्चिमी सिंहभूम में मनाने का निर्णय लिया है । इस एतिहासिक स्थल पर एक 300 & 340 वर्ग मीटर का प्राचीन सरोवर है, वहीं प्रारंभिक मध्यकाल के अनेक मंदिरों के अवशेष गहन साल वृक्ष के कुंज में विद्यमान हैं । निसंदेह यह स्थल विरासत एवं उसकी पारिस्थितिकी का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करता है । कार्यक्रम के अंतर्गत इस स्थल पर दो दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसमें भारत के विश्व विरासत स्थलों/स्मारकों के छायाचित्र प्रदर्शित किए जाएंगे । इसके अतिरिक्त आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत यहां आने वाले दर्शक/ पर्यटक डिजिटल माध्यम से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि दे पाएंगे । इसके लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने एक क्यूआर कोड जारी किया है जिसे बेनीसागर के अतिरिक्त झारखंड के सभी राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों पर लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम की श्रृंखला में 20 अप्रैल को महल एवं मंदिर समूह नवरतनगढ़ जिला में विरासत यात्रा कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है, जिसमें रांची विश्वविद्यालय के 60 छात्रों का एक दल भाग लेगा तथा इस अवसर पर एक विरासत वार्ता भी प्रस्तुत की जाएगी ।