रांची (ब्यूरो): लोगों का कहना है कि इस बार छठ बाजार में सामानों की कीमत 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ी हुई थी। रातू रोड की पिंकी कुमारी ने बताया कि पहले गेंहू चार किलो खरीदती थी, इस बार तीन किलो गेंहू के आटे से ही ठेकुआ बनाया। केला, पानी सिंघारा आदि फलों में भी कटौती की। उन्होंने कहा कि बजट बिगड़े नहीं, इसलिए ऐसा करना पड़ा।
एक व्रती को सात-10 हजार खर्च
छठ व्रती रंजना देवी ने कहा कि सारी चीजें महंगी हो गई हैं। इस वजह से खर्च भी बढ़ गया है। पिछले साल जहां छह से सात हजार रुपए का खर्च आया था, वहीं इस बार आठ से दस हजार रुपए खर्च हुए।
महंगाई है लेकिन खरीदारी जरूर है
रांची के दुकानदारों ने बताया कि इस बार महंगाई ने लोगों को परेशान जरूर किया है, लेकिन छठ पूजा के उत्साह के कारण लोग खरीदारी से पीछे नहीं हट रहे हैं। कई खरीदारों ने भी कहा कि पूजा सामग्री पहले की तुलना में इस बार काफी महंगी हो गई है। पहले जहां चार हजार में खरीदारी हो जाती थी, वहीं इस बार पांच हजार रुपए से भी अधिक खर्च करने पड़े। चूंकि छठ में कंजूसी नहीं कर सकते, इसलिए महंगाई झेलने को सभी तैयार नजर आए।
बढ गई कीमत फल
सामान पिछले साल इस साल
केला 40 से 50 रुपए 60 से 70 रुपए दर्जन
नारियल- 25 से 30 रुपए - 40 से 60 रुपए प्रति पीस
संतरा- 70 से 80 रुपए -90 से 100 रुपए प्रति किलो
अनार -120 रुपए - 150 रुपए किलो
नाशपाती -140 से 150 रुपए-160 से 180 रुपए किलो
अमरूद -70 से 80 रुपए - 100 रुपए किलो
गागर नींबू -20 रुपए - 40 से 50 रुपए पीस
सेब - 70 रुपए - 90 से 100 रुपए किलो
पानी सिंघाड़ा - 50 रुपए- 80 रुपए किलो
सीताफल -100 रुपए - 120 रुपए किलो
गन्ना - 30 रुपए - 40 से 50 रुपए पीस
क'चा हल्दी- 10 रुपए - 15 रुपए पीस
क'चा अदरक - 50 रुपए-75 रुपए किलो
बांस से बने सामान के दाम
सामान पिछले साल इस साल
दउरा (हल्का) 60-70 75 100
दउरा (भारी) 150-300 250-400
सूप 30-40 50-70
छोटा टोकरी - 30-40 50-60
बड़ी टोकरी 70-100 100-150
मिट्टा का चूल्हा 70-100 100-200
(कीमत प्रति पीस रुपए में )
नहाय खाय और खरना का सामान भी महंगा
चावल-45-55 रुपए किलो
चना दाल- 85-90 रुपए किलो
चना-70 रुपए किलो
सेंधा नमक-80 रुपए किलो
हल्दी -सौ रुपए किलो
धनिया-95-100 रुपए किलो
जीरा- 450 रुपए किलो
कद्दू - 50 रुपए पीस
इस साल बाजार तो अ'छा रहा, लेकिन महंगाई बढऩे की वजह से लोगों ने खरीदारी कम की। पिछले साल की अपेक्षा इस साल 20 से 30 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ी है, लेकिन पूजा में हर समान जरूरी है। इसलिए लोगों ने कम मात्रा में खरीदारी की।
रौशन साहू, बकरी बाजार
थोक मार्केट में ही सामान महंगा है, इसलिए महंगे दाम में बेचना हमारी मजबूरी है। इस साल बाजार में रौनक तो देखने को मिली, लेकिन महंगाई अधिक होने की वजह से लोगों ने सामानों की कम-कम खरीदारी की।
राजीव कुमार, लालपुर