RANCHI: दो दिन पहले किशोरगंज में हुए हंगामे को लेकर दो थानेदारों पर निलंबन की गाज गिरी है। बुधवार को डीजीपी एमवी राव ने सुखदेवनगर व कोतवाली के थानेदार को सस्पेंड करने का निर्देश दिया। किशोरगंज चौक पर सोमवार की शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला रोकने की कोशिश व उपद्रव की घटना के बाद से पुलिस महकमा रेस है। पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है। इसे लेकर डीजीपी बुधवार को एसएसपी के दफ्तर पहुंचे। यहां उन्होंने रांची के सभी थानेदारों और वरीय पुलिस अधिकारियों की क्लास लगाई। उन्होंने अफसरों को व्यावस्था में सुधार व सख्ती बरतने का निर्देश दिया। इधर, किशोरगंज हंगामे के मामले में पुलिस 24 से भी ज्यादा लोगों को जेल भेज रही है। वहीं 50 लोगों से अब भी पूछताछ की जा रही है।

नौकरी छोड़ देने की चेतावनी

डीजीपी एमवी राव ने बुधवार सुबह रांची एसएसपी कार्यालय में जिले के सभी थानेदारों, डीएसपी, एसएसपी, एसपी सिटी, ग्रामीण एसपी व यातायात एसपी के साथ राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक की। बैठक में डीजीपी ने रांची के सभी थानेदारों को स्पष्ट तौर पर चेतावनी दी कि जो सही तरीके से काम नहीं कर सकते हैं, वे नौकरी छोड़ दें। उन्होंने कहा कि पुलिस की नौकरी में ढुलमुल रवैया नहीं चलता है। सोमवार (चार दिसंबर) की घटना पुलिस के ढुलमुल रवैया का नतीजा है। यह सुखदेवनगर व कोतवाली थानेदार की लापरवाही है। किशोरगंज चौक के पास भीड़ जुट गई और उन्हें पता तक नहीं चल सका?

किसी की सिफारिश न सुनें

डीजीपी ने थानेदारों को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस अधिकारी कानून के दायरे में रहकर सख्ती के साथ बल का प्रयोग करें। डंडा चलाने से भी हिचके नहीं। अक्सर ऐसा देखा गया है कि उपद्रवी सड़क पर हंगामा करते हैं और पुलिस कार्रवाई करने के बजाय उन्हें समझाने में लगी रहती है। ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटना होगा। उपद्रवी को छोड़ने व कानूनी कार्रवाई नहीं करने की सिफारिश भी आए तो उसे नहीं सुनना है और कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी है।

कार्यों की होगी समीक्षा

डीजीपी ने कहा कि सभी पुलिस पदाधिकारियों के कार्यों की समीक्षा के लिए एक कमेटी गठित होगी। जिन पुलिस पदाधिकारियों ने एक थाने में तीन साल का समय पूरा कर लिया है, उनका ट्रांसफर किया जाएगा। इसके साथ ही आरोपित अधिकारी-कर्मी भी हटाए जाएंगे। रांची जिले में वीवीआइपी-वीआइपी मूवमेंट को देखते हुए पुलिस बल की कमी को दूर किया जाएगा। कई थानों में सिपाहियों की कमी है, उसे दूर किया जाएगा।

दिन भर चला ड्रामा---फोटो चुटिया में हंगामा

किशोरगंज हंगामे के बाद आरोपियों की धर-पकड़ को लेकर बुधवार को भी हाई-वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। इस घटना के मुख्य आरोपी भैरव सिंह को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी। दूसरी ओर, उसके मामा राम सिंह और परिवार के चार नाबालिग लड़कों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। दूसरी ओर, चुटिया थाने में बुधवार को दिन में कुछ महिलाएं पहुंचीं और पकड़े गए युवकों को छोड़ने की मांग की। पुलिस वालों में महिलाओं को समझा-बुझाकर वापस कर दिया। कहा गया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और निर्दोष होने पर किसी को जेल नहीं भेजा जाएगा।

चुस्त हुआ सीएम का सुरक्षा घेरा, अब डीएसपी कर रहे एस्कार्ट

किशोरगंज चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का काफिला रोकने की कोशिश और उपद्रव की घटना के बाद सीएम का सुरक्षा घेरा मजबूत कर दिया गया है। अब उनके कारकेड का नेतृत्व डीएसपी यातायात कर रहे हैं। पहले कारकेड का नेतृत्व एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी करते थे। पूर्व में सीएम को दो बार जान से मारने की धमकी भरा ई-मेल मिलने के बाद उनके आवास पर भी अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया था। वर्तमान में भी सीएम आवास का सुरक्षा घेरा मजबूत कर दिया गया है, ताकि विधि-व्यवस्था संबंधित कोई परेशानी सामने न आए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास वर्तमान में जेड प्लस सुरक्षा का घेरा है। उनके कारकेड में सबसे आगे पायलट कार चलती है, जिसमें एक दारोगा या इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी व चार कमांडो रहते हैं। पायलट कार के पीछे एस्कार्ट वन होता है, जिसमें एक दारोगा या इंस्पेक्टर व चार कमांडो होते हैं। उसके पीछे वीआइपी कार होती है, जिसमें एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को रहना होता है, लेकिन अब तक यहां इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी रहता था। वीआइपी कार के पीछे दो एस्कार्ट वाहन होते हैं। प्रत्येक एस्कार्ट वाहन में एक-एक दारोगा या इंस्पेक्टर व चार कमांडो होते हैं। इसके अलावा एक स्पेयर कार, एक एंबुलेंस व उसके पीछे टेल कार होती है।